नई दिल्ली. विदेश मंत्रालय की कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बीजेपी सदस्यों के बीच तू-तू मैं-मैं देखने को मिली. इस दौरान राहुल ने कहा, मैंने देश में लोकतंत्र की हालत पर सवाल जरूर उठाए लेकिन किसी विदेशी देश के हस्तक्षेप की मांग कभी नहीं की. विदेश मंत्रालय की कंसल्टेटिव कमेटी की बैठक में शनिवार को बीजेपी सदस्यों ने राहुल गांधी पर विदेशी धरती पर देश का अपमान करने का आरोप लगाया.
इस दौरान एक सदस्य ने कहा कि हम G 20 की मेजबानी कर रहे हैं और कुछ लोग बाहर जाकर लोकतंत्र पर सवाल खड़े करते हैं. इस पर हंगामा हुआ. इसी मुद्दे पर संसद में भी एक हफ्ते से हंगामा मच रहा है.
राहुल गांधी ने पूछा अडानी देश है क्या?
राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट एक व्यक्ति के बारे में है देश या सरकार के बारे में नहीं. अडानी देश है क्या जो उनकी जांच नहीं हो सकती? क्या जांच की बात करना देश की मुखालफत है?
राहुल गांधी ने इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि उन्होंने देश में लोकतंत्र बचाने के लिए किसी विदेशी ताकत या देश को हस्तक्षेप करने के लिए कहा. मैने लोकतंत्र का मुद्दा जरूर उठाया और बोला लेकिन ये भी कहा कि ये हमारा आंतरिक मामला है और हम इसका हल निकाल लेंगे. थरूर ने कहा कि 2023 में G 20 की अध्यक्षता मिलनी ही थी, इसमें मौजूदा सरकार ने कुछ नहीं किया है. यही शत्रुघ्न सिन्हा ने भी कहा.
एस जयशंकर बोले- लोकतंत्र पर खतरे वाली बात पर असहमत
इस बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी से कहा कि मैं आपकी बातों से असहमत हूं कि लोकतंत्र पर खतरा है तो राहुल ने कहा कि आप असहमत हैं लेकिन लोकतंत्र पर खतरे की बात पर मैं कायम हूं.