लोकसभा चुनाव अभी दूर है, पर उत्तर प्रदेश में अभी से राजनीतिक माहौल गरमाने लगा है. समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दलित वोट बैंक बैंक में सेंध लगाने के लिए कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण करने का दांव चल चुके हैं. तो अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी बसपा के दलित मतदाताओं अपना बनाने के लिए मैदान में उतर गई है. और भाजपा नेता सामाजिक न्याय सप्ताह मानते हुए दलित तथा पिछड़े समाज के लोगों के यहां भोजन करने जा रहे हैं.
अब इसी क्रम में भाजपा के सबसे बड़े रणनीतिकार केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी कौशांबी से शुक्रवार को यूपी में दलित तथा ओबीसी वोटरों को पार्टी से जोड़ने की कवायद शुरू करने जा रहे हैं. कौशांबी में कहने को तो अमित शाह तीन दिवसीय कौशाम्बी महोत्सव का शुभारंभ करने पहुंच रहे हैं, लेकिन इस कार्यक्रम के जरिए संदेश यही दिया जाना है कि भाजपा विकास को महत्व देते हुए सबका साथ और सबका विकास करने की महत्व देती है. इस संदेश को देने के लिए अमित शाह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अरबों रुपए की परियोजनाओं की सौगात भी कौशांबी की जनता को देंगे.
कौशांबी महोत्सव का कार्यक्रम और उसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी बेहद ही महत्वपूर्ण है. अमित शाह के किसी कार्यक्रम में मौजूद होने का कई मतलब होते हैं. यहां भी वह एक मकसद के तहत पहुंच रहे हैं और वह मकसद है यूपी के दलित -पिछड़े वोटरों को भाजपा से जोड़ने का. यह वह क्षेत्र है जहां भाजपा के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बीते विधानसभा चुनाव में चुनाव हारे थे. ऐसे में अमित शाह का यहाँ आने का मकसद है.
वह इस वक्त जब यूपी में सपा मुखिया अखिलेश यादव बसपा को भाजपा की बी टीम बताते हुए दलित समाज का वोट अपने साथ जोड़ने के लिए खुल कर मैदान में उतर चुके हैं. और उन्होंने रायबरेली में कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण कर दलित समाज को यह संदेश दिया कि सपा कांशीराम और दलित समाज का सम्मान करती हैं. यहीं नहीं अखिलेश यादव ने कांशीराम के सहयोगी रहे आरके चौधरी, स्वामी प्रसाद, लाल जी वर्मा, रामअचल राजभर जैसे बसपाई नेताओं के जरिए भी भी बसपा वोट बैंक में सेंधमारी करनी शुरू की.
‘भाजपा 365 दिन, चौबीसों घंटे काम करने वाली पार्टी है’
बसपा के वोटबैंक को हथियाने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव जहां अब कांशीराम के नाम का सहारा ले रहे हैं, वही भाजपा ने दलित और पिछड़े समाज को साधने के लिए जिले में महोत्सव और विकास कार्यों के कार्यक्रम आयोजित करने की रणनीति तैयार की है. मुलायम सिंह यादव ने भी संदेश को जनता तक पहुंचाने के लिए ऐसे आयोजनों का सहारा लेते थे. अब उसी क्रम में अमित शाह भी कौशांबी के फसहिया मैदान में आयोजित तीन दिवसीय कौशाम्बी महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को करेंगे.
इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ तथा दोनों उप मुख्यमंत्री भी मौजूद होंगे और यह चारों नेता जनसभा को संबोधित कर आने वाले निकाय और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सियासी माहौल बनाएंगे. इस दौरान गृहमंत्री और मुख्यमंत्री 456.22 करोड़ की लागत वाली 94 परियोजनाओं का लोकार्पण व 156.72 करोड़ की लागत वाली परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे. शाम को इस महोत्सव में कवि कुमार विश्वास का कार्यक्रम होगा. कुल मिलकर इस कार्यक्रम के जरिए कौशांबी की जनता को अपने साथ जोड़ेगी और यहां से अमित शाह यूपी में चुनावी तैयारियों को तेज करेंगे.
कौशांबी की धरती से विपक्ष को शाह देंगे चुनौती
इसके साथ ही अमित शाह कौशांबी ही धरती से सपा, बसपा और कांग्रेस नेताओं को चुनौती भी देंगे. और लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटें जीतने का ऐलान करेंगे. कौशांबी से भाजपा सांसद और पार्टी की अनुसूचित जाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद सोनकर ने कहते हैं कि महोत्सव से अमित शाह यूपी में चुनावी तैयारियों में जुटने का बिगुल बजाएंगे और जनता को यह संदेश देंगे भाजपा साल के 365 दिन, चौबीसों घंटे काम करने वाली पार्टी है. भाजपा जनता के सुख-दुख में उनके लिए काम करने वाली अकेली पार्टी है. दलित और पिछड़े समाज का ध्यान रखने वाली पार्टी है. सोनकर के अनुसार अमित शाह के इस कथन का भाजपा को निकाय चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव में इसका लाभ मिलेगा.