केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के आरोपों पर बड़ा पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि गवर्नर रहते उनकी अंतरात्मा क्यों नहीं जागी. आज ही सारी बातें क्यों याद आ रही है. अगर उनकी बात सही है तो राज्यपाल रहते वक्त वो चुप क्यों रहे. अब हमसे अलग होने के बाद उन्हें ये बातें याद आई हैं.
शाह ने कहा कि जब लोग सत्ता में होते हैं तब उनकी अंतरात्मा क्यों नहीं जागृत होती है. उन्होंने कहा कि कोई भी अपनी सियासी स्वार्थ के लिए कुछ कहता है तो जनता को भी उसका मुल्यांकन करना चाहिए. गृह मंत्री ने कहा कि सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसे छुपाना पड़े. वहीं, सीबीआई से मिले नोटिस पर उन्होंने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है, उसके मुताबिक सत्यपाल मलिक को सीबीआई ने दूसरी या तीसरी बार बुलाया है.
मलिक के आरोपों से CBI समन का कोई लेना-देना नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सीबीआई ने हमारे खिलाफ बोलने पर उन्हें नोटिस नहीं दिया है. इससे पहले भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार पर लगाए गए उनके आरोपों से इसका कोई संबंध नहीं है. सियासी स्वार्थ के लिए लोग कुछ भी बोलते हैं. उन्होंने कहा कि जांच चल रही है. अगर इसमें कुछ नया निकलकर सामने आया होगा इसलिए उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
गवर्नर रहते चुप क्यों थे सत्यपाल मलिक ?
उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ बोलने के लिए बुलाया गया है, इसमें कोई सच्चाई नहीं है. वहीं, भाजपा नीत सरकार के खिलाफ मलिक के आरोपों का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उनसे पूछा जाना चाहिए कि हमसे अलग होने के बाद ये बातें दिमाग में क्यों आईं. गवर्नर रहते हुए वो चुप क्यों थे. ये कोई मुद्दा नहीं है. इस तरह की टिप्पणियों की विश्वसनीयता लोगों, पत्रकारों को दिखनी चाहिए.
सरकार ने ऐसा कुछ नहीं किया जिसे छुपाना पड़े
उन्होंने कहा कि मैं देश की जनता से कहना चाहता हूं कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिसे छुपाने की जरूरत हो. अगर हमें छोड़कर जाने के बाद व्यक्तिगत, राजनीतिक स्वार्थ के लिए कुछ टिप्पणी की जाती है तो वह लोगों, मीडिया द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए. बता दें कि सीबीआई ने 22 अप्रैल को सत्यपाल मलिक को समन भेजा था. जांच एजेंसी 27-28 अप्रैल को उनसे पूछताछ कर सकती है.