तिहाड़ जेल में बंद गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया की 2 मई की सुबह निर्मम हत्या से अब दूसरे गैंगस्टर भी खौफजदा हैं. ऐसे ही जेल में बंद गैंगस्टर विजय मान ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कोर्ट का रुख कर अपनी सुरक्षा बढ़ाने और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी की गुहार लगाई. बाद गगैंगस्टर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया.
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने बुधवार को जेल अधिकारियों को गोगी गैंग के गैंगस्टर विजय मान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश करने का निर्देश दिया. क्योंकि उसने आरोप लगाया था कि उसे मारने की साजिश रची जा रही है.
कोर्ट में पेशी के दौरान हत्या की धमकी
दरअसल, गैंगस्टर विजय मान ने अपने विरोधियों द्वारा उसे मारने की साजिश का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. याचिका में कहा गया है कि उसे कैदियों से धमकी मिली कि कोर्ट में पेश करने के दौरान मार दिया जाएगा. इसी के चलते मान ने हाल ही में गोगी गिरोह के प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों द्वारा टिल्लू ताजपुरिया की हत्या की घटना को देखते हुए अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए कोर्ट से मांग की.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा पासपोर्ट अधिनियम के तहत दर्ज मामले में आरोपी विजय मान, रोहित उर्फ मोई और दीपक बॉक्सर की न्यायिक हिरासत 24 मई तक बढ़ा दी. कोर्ट के निर्देश के बाद सभी आरोपियों को लॉकअप से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश कोर्ट में किया गया.
कोर्ट से लगाई सुरक्षा बढ़ाने की गुहार
विजय मान मकोका मामले में भी आरोपी है. जिसकी सुनवाई स्पेशल जज शैलेंद्र मलिक की कोर्ट में 15 मई को होनी है. इसी तरह का एक आवेदन उस मामले में भी दायर किया गया है और उसमें दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट का इंतजार है. सुनवाई के दौरान विजय मान के वकील दीपक शर्मा और वीरेंद्र म्यूल ने कोर्ट में कहाकि मान को कोर्ट में पेश करने के दौरान उसकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक उचित निर्देश दिए जाएं. आवेदक को हाई रिस्क के चलते दी गई सुरक्षा को बिना किसी न्यायोचित कारण के हटा दिया गया है. जेल से कोर्ट लाने ले जाने के लिए सामान्य जेल वैन में दूसरे कैदियों के साथ लाया गया. कोर्ट में पेश करने के दौरान उसके साथ केवल एक ही पुलिस अधिकारी को नियुक्त किया गया था.
लॉकअप में बंद दूसरे कैदियों से जान का खतरा
याचिका में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष के मुताबिक आरोपी को गोगी गिरोह का सदस्य दिखाया गया है, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है. लेकिन गोगी गिरोह के प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्य उसको मारने की साजिश रच रहे हैं. अभियुक्तों के वकीलों ने यह भी कहा कि वास्तव में कोर्ट में पेशी के दौरान लॉक-अप में बंद दूसरे कैदियों से जान से मारने की धमकी मिली है. कुछ अज्ञात लोग कोर्ट में पेशी के दौरान मान पर कड़ी नजर रख रहे हैं. इतना ही नहीं जेल में भी दूसरे कैदियों द्वारा चेतावनी दी जाती है कि उसके प्रतिद्वंद्वी कोर्ट ने पेशी के समय उसकी हत्या की साज़िश रच रहे हैं.
कोर्ट रूम तक पेशी के लिए मिले सुरक्षा
याचिका में यह भी कहा गया है कि हाल ही में प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों ने तिहाड़ जेल में एक कैदी पर हमला किया और उसे मारने में सफल रहे. जिससे साफ होता है कि मान की जान को भी जेल में खतरा है. इसलिए कोर्ट जेल अधिकारियों को केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मान को पेश करने के लिए निर्देश जारी करें. क्योंकि वो उच्च जोखिम वाले वार्ड में है और प्रतिद्वंद्वी गिरोह के सदस्यों और कैदियों से लगातार धमकियां मिल रही हैं. अगर जरूरी हो तो वीडियो निगरानी के तहत जेल से कोर्ट रूम तक पेशी के दौरान आरोपी को एक हाई रिस्क वाली सुरक्षा वैन में लाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया जाए.