पंजाब में आगामी धान बिजाई और उसके बाद सिंचाई के सीजन के दौरान बिजली की मांग बढ़ने के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से अपील की कि भारी मांग को पूरा करने के लिए राज्य को केंद्रीय पूल में से अतिरिक्त बिजली मुहैया कराई जाए. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को लिखे पत्र में भगवंत मान ने आगामी धान के सीजन के मद्देनजर बिजली की भारी जरूरत होने का मुद्दा उठाया.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के किसानों को निर्विघ्न बिजली की आपूर्ति मुहैया करने के लिए पंजाब स्टेट पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएसपीसीएल) लगातार पुष्प पोर्टल पर बिजली की उपलब्धता पर नजर रख रहा है.
एक हजार मेगावॉट की बिजली आपूर्ति की जरूरत
सीएम ने चिट्ठी में लिखा कि पता लगा है कि फिलहाल इस पोर्टल पर बिजली की उपलब्धता अनिश्चत है और यहां केवल थोड़े समय के लिए या रोजाना के आधार पर ही बिजली उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि बिजली वितरण की साझी तबादला श्रेणी के द्वारा बिजली की आपूर्ति की भरोसे योग्यता न होने के कारण पंजाब को 15 जून से 15 अक्तूबर तक के समय के लिए रोजाना के 24 घंटे एक हजार मेगावॉट की बिजली आपूर्ति की जरूरत है.
उत्तर-पश्चिम भारत में कम बरसात होने की संभावना
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) द्वारा हाल ही में पंजाब समेत पूरे उत्तर-पश्चिम भारत में कम बरसात होने की संभावना को देखते हुए अतिरिक्त बिजली की ज़रूरत और अधिक बढ़ जाती है. भगवंत मान ने कहा कि खाद्य सुरक्षा संबंधी राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए धान की फ़सल के सुचारू और बिना किसी रुकावट के कृषि को अनिवार्य रूप से सुनिश्चित बनाने की ज़रूरत है.
कोयले की आपूर्ति पर नजर
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री आरके सिंह के संज्ञान में लाया कि वो पंजाब को केंद्रीय क्षेत्र के बिजली उत्पादन स्टेशनों से अतिरिक्त बिजली का निर्धारण करें. उन्होंने बताया कि पंजाब को अपने ताप बिजली घरों के लिए केंद्रीय कोयला खदान से बाकायदा आधार पर कोयले की आपूर्ति मिल रही है.
पंजाब को केंद्रीय सहायता की जरूरत
भगवंत मान ने बताया कि इसके बावजूद राज्य की कुल बिजली उत्पदान क्षमता 6500 मेगावाट है, जबकि धान के सीजन के समय पर इस मांग के 15,500 मेगावॉट तक पहुंचने की संभावना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इसलिए बिजली की भारी मांग की पूर्ति के लिए धान और गर्मियों के सीजन के दौरान पंजाब को केंद्रीय सहायता की ज़रूरत है.