नोएडा: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को नोएडा में थे. यहां सेव कल्चर सेव इंडिया कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हमें किसी हाल में संस्कृति पर हमला बर्दाश्त नहीं है. हम पहले ही मुगलों और अंग्रेजों की गुलामी झेल चुके हैं. लेकिन जब हमारी संस्कृति पर हमला हुआ तो 1857 की क्रांति के रूप में हमने जवाब भी दिया. मुगल भी जब तक मंदिरों में नहीं घुसे, राज करते रहे, लेकिन जब मंदिरों पर हमला किया तो आज उनके वंशज रिक्शा चला रहे हैं. इस कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी आदित्य नाथ गाजियाबाद में सामने आए ऑनलाइन धर्मांतरण मामले का भी उल्लेख किया.
कहा कि पहले भी इस तरह के कंवर्जन होते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दबे कुचले लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की जरूरत है. उन्हें समझाना होगा और उन्हें अपनी पुरातन संस्कृति की याद दिलानी होगी. इस मौके पर सम्मानित किए गए संस्कृति योद्धाओं को सीएम योगी ने बधाई दी. कहा कि लोकसभा की पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन जी के साथ उन्होंने लंबे समय तक काम किया है. 48 साल पहले इमरजेंसी लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटने की कोशिश की गई. अगर उस समय वो कामयाब हो जाते तो क्या आज हम इस तरह के कार्यक्रम कर पाते? उन्होंने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के भी कुछ नियम होंगे.
सीएम योगी ने कहा कि दुनिया के अंदर जितने भी देश है, सबकी अपनी विशिष्ट पहचान है. फ्रांस कला के लिए प्रसिद्ध है तो ब्रिटेन की अलग पहचान है. इसी प्रकार भारत की भी अपनी अलग पहचान है. हमने मुगल और अंग्रेजों की गुलामी सही है, लेकिन जैसी ही हमारी संस्कृति पर हमला हुआ, हमने भी 1957 की क्रांति के रूप में जवाब दिया. गाय की चर्बी से बने कारतूस का विरोध हुआ. आगे जाकर वीर सावरकर ने भी इसे मान्यता दी. उन्होंने साफ शब्दों में संदेश देते हुए कहा कि हम अपनी संस्कृति और आस्था के साथ छेड़छाड़ किसी हाल में बर्दाश्त नहीं कर सकते. कहा कि संस्कृति पर हमला उस विकृति को बढ़ावा देना है जैसे कि बीज का सड़ जाना.
उन्होंने कहा कि संस्कृति पर हमले होते रहे हैं. सुर असुरों का युद्ध इसी धर्म को लेकर हुआ था. ये हर काल खंड में होता रहा है, आज ये हमले अलग अलग तरीके से हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी हाल ही में हमने गेमिंग ऐप के माध्यम से धर्म परिवर्तन का मामला पकड़ा है. इससे पहले भी मूक बधिरों को मोबाइल में उलझाकर कन्वर्जन हो रहा था. ऐसा सिर्फ यूपी ही नहीं, देश के कई इलाकों में हो रहा है. यह स्थिति लोगों में जागरूकता की कमी की वजह से बनी है. इन घटनाओं को देखने के बाद ही हमने उत्तरप्रदेश में एक्ट लागू किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लोगों के प्रभाव में आए परिवारों को समझाना होगा. इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा.
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के आजादी महोत्सव के मौके पर दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा कि देश 2047 में अपनी आजादी का शताब्दी समारोह मनाएगा. ऐसे में आप 100 वर्ष पूरा होने पर कैसा भारत देखना चाहते हो? हमें अपनी विरासत का सम्मान करना होगा. अपनी परंपराओं को समझना होगा और उनका पालन करना होगा. उन्होंने युवाओं से संवाद करते हुए कहा कि हम तकनीक का प्रयोग तो करें पर उसके गुलाम ना बनें. प्रयास करना होगा कि सबको आगे बढ़ने का मौका मिले, लेकिन हमें अपने नागरिक कर्तव्यों का भी ज्ञान होना चाहिए. इसकी शुरुआत अपने घर से करनी होगी. तथी हमारा देश 2047 तक विकसित भारत बन सकेगा.