हरियाणा के नूंह से शुरू हुई हिंसा अब राज्य के अलग-अलग शहरों में फैलती जा रही है. मेवात में पिछले 30 घंटों से भी ज्यादा वक्त से खौफ है, तनाव है, कर्फ्यू है. गुरुग्राम और पलवल भी हिंसा की चपेट में आ चुके हैं. कल यानी मंगलवार को गुरुग्राम में उपद्रवियों ने जमकर बवाल मचाया. गुरुग्राम के सेक्टर 66 में 200 की संख्या में आए बदमाशों ने दुकानों पर धावा बोल दिया. कई दुकानों को फूंक दिया. बताया जा रहा है बदमाश पेट्रोल बम के साथ आए थे. कई गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया. सवाल है आखिर हरियाणा के कई शहरों में फैली इस हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है. हिंसा और नफरत की इस आग के पीछे हरियाणा सरकार और प्रशासन पर कुछ सवाल उठाए जा रहे हैं. गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं. इन पर गहराई से जांच और कार्रवाई करने की ज़रूरत है.
हरियाणा में नफरत फैलाने के लिए दो लोगों को जिम्मेदार माना जा रहा है. ये दो किरदार हैं मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी. हिंसा से पहले इन दोनों का वीडियो वायरल हुआ था. मोनू मानेसर से लेकर दूसरे समुदाय के युवकों ने भी खुलेआम भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए लेकिन इसके बावजूद ना तो सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों की गिरफ्तारी की गई और ना ही इन वीडियोज में दी जा रही धमकियों को गंभीरता से लिया गया. शोभायात्रा में मोनू मानेसर के शामिल होने की खबरों के बाद लगातार सोशल मीडिया पर दोनों ही पक्षों की धमकियों के बावजूद हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा के नाम पर 400-450 के करीब पुलिसकर्मी और होमगार्ड ही यात्रा के रुट पर सुरक्षा के लिए लगाए जबकि उपद्रवियों की भीड़ और उनकी ताकत कहीं ज़्यादा थी.
बिट्टू बजरंगी का नाम आया सामने
नूंह में यात्रा से पहले बिट्टू बजरंगी नाम के एक और गौ रक्षक का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें वो लगातार पुलिस और यात्रा का विरोध कर रहे लोगों को चैलेंज करते हुए सुना गया और सीधे तौर पर उसने कहा कि वो और उसके साथी यात्रा में जरूर शामिल होंगे और कोई अगर रोक सकता है तो रोक कर दिखाए. नूंह की घटना के दौरान और उससे पहले बिट्टू बजरंगी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ.
मोनू मानेसर ने क्या ऐलान किया था?
बहुचर्चित नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपी मोनू मानेसर ने खुला ऐलान किया था. उसने कहा था कि वह मुस्लिम बहुल इलाके मेवात में निकाले जाने वाली बृजमंडल यात्रा में वो शामिल होगा. कई मुस्लिम संगठनों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से मोनू मानेसर को इलाके में ना आने की चेतावनी दी थी. मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पर जारी किए गए वीडियो और शोभायात्रा में आने के ओपन चैलेंज की खबरों को लेकर विवाद हुआ था.
मोनू मानेसर नासिर-जुनैद हत्याकांड में आरोपी है. उसके द्वारा सोशल मीडिया पर खुलेआम वीडियो डालकर इस यात्रा में खुद के शामिल होने का ऐलान करने और हिंदू संगठनों को इस यात्रा में शामिल होने के लिए बुलाने पर मेवात और नूंह इलाके में विवाद छिड़ गया. मुस्लिम पक्ष ने कहा कि जिस मोनू मानेसर की वजह से मेवात में माहौल खराब हो रहा है और जो नासिर-जुनैद हत्याकांड में शामिल रहा है, उसे इस यात्रा में शामिल नहीं होने देना चाहिए और अगर वो इलाके में आया तो उसे घुसने नहीं दिया जाएगा.
कुछ मुस्लिम युवकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करके कहा कि यात्रा हर साल निकलती है और यात्रा से हमको ऐतराज नहीं है, लेकिन मोनू मानेसर जैसा व्यक्ति खुलेआम चुनौती देकर इस यात्रा में शामिल होने की बात कर रहा है इसलिए वो इसका विरोध करेंगे. हालांकि इस यात्रा में मोनू मानेसर शामिल हुआ या नहीं इसको लेकर कोई कंफर्मेशन नहीं है, लेकिन जैसे ही यात्रा नलेश्वर शिव मंदिर से निकल कर फिरोजपुर झिरका की तरफ बढ़ रही थी तो रास्ते में एक चौराहे पर मौजूद दूसरे पक्ष के लोगों ने यात्रा पर पथराव कर दिया और उसके बाद पूरा बवाल मच गया.
मोनू मानेसर जिसका असली नाम मोहित यादव है, वो खुद को गौरक्षक बताता है. उसका खुद का एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसपर वो गौ-तस्करों को पकड़ने के अलावा अपने वीडियो डालता है. आठ साल पहले बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू गुरुग्राम के मानेसर का ही रहने वाला है. साल 2011 में बजरंग दल से जुड़ने वाला मोनू अब बजरंग दल प्रांत गोरक्षक प्रमुख है.
लगभग 8 साल से ही वो गौ-तस्करों को पकड़ने का काम कर रहा है. साल 2019 में गौ-तस्करों को पकड़ते वक्त मोनू को गोली भी लग गई थी. अपने चैनल पर मोनू गौ हत्या और गौ-तस्करों के नेटवर्क को खत्म करने की खुली चेतावनी देता है. जुनैद-नासिर हत्याकांड में भी मोनू मानेसर पर आरोप लगे हैं.