पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के बेहाला में शुक्रवार की सुबह दर्दनाक हादसा हुआ. स्कूल जाते समय एक प्राथमिक विद्यालय के छात्र और उसके पिता को एक लॉरी ने टक्कर मार दी. स्कूल में प्रवेश के लिए सड़क पार करते समय लॉरी ने पिता और छात्र को कुचल दिया. दुर्घटना के कारण पूरा बेहाला इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो गया है. उत्तेजित जनता ने पुलिस की गाड़ी में आग लगी दी है. पुलिस ने उत्तेजित जनता को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े हैं और लाठीचार्ज किया है.
छात्र और उसके पिताकी दुखद मौत से लोगों में आक्रोश फैल गया. लोगों के गुस्से के कारण पुलिस की बाइक और वैन में आग लगा दी गई. डायमंड हार्बर रोड में जाम लगा दिया. उत्तेजित जनता लगातार प्रदर्शन कर रही है.
स्थानीय लोग शवों को सड़क पर रखकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. पुलिस वैन में आग लगा दी गयी. कई सरकारी बसों में तोड़फोड़ की गई. स्थानीय विरोध प्रदर्शनों के कारण डायमंड हार्बर रोड लगभग अवरुद्ध हो गया है.
लॉरी ने पिता और छात्र को कुचला
गुस्साई भीड़ का दावा है कि हादसे के बाद लॉरी ड्राइवर को पकड़ लिया गया था, लेकिन पुलिस ने उसे छोड़ दिया. स्थानीय लोगों ने पुलिस पर रिश्वत लेने का भी आरोप लगाया है.
स्थानीय लोगों ने शिकायत की कि शुक्रवार सुबह करीब 6:30 बजे मिट्टी से लदी एक लॉरी तेज गति से आई और प्राथमिक विद्यालय के एक छात्र और उसके पिता को टक्कर मार दी. उसके बाद छात्र और पिता दोनों की ही मौत हो गई.
इसके बाद डायमंड हार्बर रोड पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के कारण बेहाला चौरास्ता से सटी सड़क रणक्षेत्र में तब्दील हो गई है. बहुत सारी गाड़ियां सड़क पर फंस गईं.
पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोल, कई घायल
उत्तेजित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पुलिस की ओर से आंसू गैस छोड़ी जा रही है, जिसके बदले में उग्र भीड़ द्वारा फेंके गए पत्थरों से कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.
कई स्थानीय लोग भी घायल हो गये. आरोप है कि एक स्थानीय महिला के चेहरे पर आंसू गैस का गोला लगने से घायल हो गयी, जिसने गुस्से की आग में घी डालने का काम किया. एक स्थानीय निवासी के शब्दों में, ”पुलिस अपना काम नहीं करती. रिश्वत लेने में व्यस्त. क्या पुलिस के प्रयास से कभी ऐसी घटना घट सकती है?” इस बीच पुलिस स्कूल प्रबंधन से बात करने गई, लेकिन उन्हें विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा.
बेहाला के चौराहे के पास कई स्कूल हैं. इसलिए सुबह से ही सड़क पर छात्रों और अभिभावकों की भीड़ लगी रहती है. लेकिन स्थानीय लोगों की यह भी शिकायत है कि पुलिस यातायात को नियंत्रित करने के बजाय बड़े ट्रकों और लॉरियों से पैसे लेती है और उन्हें जाने देती है.