दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अरकपुर बाग मोची में बनने वाले पश्चिमी रेलवे के बहुमंजिला आवासीय भवन के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया है. केजरीवाल सरकार ने 96 पेड़ों को हटाने के उत्तर रेलवे के अनुरोध को मंजूरी दे दी है. इस प्रोजेक्ट के लिए कोई भी पेड़ नहीं काटा जाएगा और सभी 96 पेड़ों को शकूरबस्ती के पास चयनित स्थल पर प्रत्यारोपित किया जाएगा. सीएम केजरीवाल ने राष्ट्रहित में प्रस्ताव को मंजूरी देकर परियोजना का रास्ता साफ कर दिया. प्रस्ताव को इस शर्त पर मंजूरी दी है कि उत्तर रेलवे योजना के अनुसार 96 मौजूदा पेड़ों का प्रत्यारोपण और 960 नए पौधे लगाएगा.
आम आदमी पार्टी की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, दिल्ली सरकार से उत्तर रेलवे ने मोती बाग के पास के स्थान पर कुल 162 पेड़ों में से 96 पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का अनुरोध किया था. इसके बाद उत्तर रेलवे के अधिकारियों के साथ वन विभाग के अधिकारियों ने परियोजना स्थल का संयुक्त निरीक्षण किया गया. मामले पर एक रिपोर्ट पश्चिम वन प्रभाग के वृक्ष अधिकारी (डीसीएफ) को दी गई, जिन्होंने इसकी जांच की. वृक्ष अधिकारी के अनुसार क्षेत्र में पेड़ों की कुल संख्या 162 है और इसमें से 96 पेड़ों को प्रत्यारोपण के लिए प्रस्तावित किया गया. साथ ही एक भी पेड़ को न काटने और न छांटने का प्रस्ताव दिया गया.
1.1136 हेक्टेयर में लगाए जाएंगे पेड़
वहीं इसके एवज में 1.1136 हेक्टेयर क्षेत्र पर वृक्षारोपण किया जाएगा. यह जमीन मादीपुर मेट्रो स्टेशन के पास रामपुरा, शकूरबस्ती और मस्जिद हजरत सैयद भूरेशाह के पास उपलब्ध है. वन विभाग के अधिकारियों ने साइट का निरीक्षण किया और पाया कि दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के अनुसार 960 पौधे लगाने के लिए यह जगह पर्याप्त है. दिल्ली सरकार ने उत्तर रेलवे से कहा है कि वह साइट पर उन पेड़ों के अलावा एक भी पेड़ को नुकसान न पहुंचाए, जिनकी सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है. यदि स्वीकृत पेड़ों के अलावा किसी भी पेड़ को नुकसान पहुंचाया जाता है तो दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा.
दस गुना पेड़ लगाना अनिवार्य
दिल्ली सरकार ने उत्तर रेलवे के लिए पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले में दस गुना पेड़ लगाना अनिवार्य कर दिया है. इन पेड़ों को स्थानांतरित करने की अनुमति जारी होने की तारीख से 3 महीने के भीतर चिन्हित भूमि पर लगाया जाएगा. दिल्ली सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार उत्तर रेलवे की अगले सात वर्षों तक पेड़ों के रखरखाव की जिम्मेदारी होगी. दिल्ली सरकार द्वारा मंजूर किए गए प्रस्ताव के अनुसार पेड़ों को हटाने और प्रत्यारोपण के बदले में दिल्ली की मिट्टी और जलवायु के अनुकूल विभिन्न प्रजातियों के पेड़ लगाए जाएंगे. इनमें नीम, अमलतास, पीपल, पिलखन, गूलर, बरगद, देसी कीकर और अर्जुन समेत अन्य प्रजातियां शामिल हैं. गैर वन भूमि पर 6 से 8 फीट ऊंचाई के पौधे लगाए जाएंगे.
6 महीने के भीतर लगाए जाएंगे पेड़
जहां तक प्रत्यारोपित किए जाने वाले पेड़ों का सवाल है तो, उन्हें आवश्यक शर्तें पूरी करने के बाद 6 महीने के भीतर लगाया जाएगा. इनके पर्यवेक्षण के लिए अधिकारी को रिपोर्ट दी जाएगी. दिल्ली सरकार ने उत्तर रेलवे से परियोजना के लिए दिल्ली वृक्ष प्रत्यारोपण नीति 2020 का ईमानदारी से पालन करने और उस पर नियमित प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रत्यारोपित पेड़ों में से जो जीवित न बचें, उनकी क्षतिपूर्ति के लिए 15 फीट ऊंचाई और 6 इंच व्यास वाले 5 गुना स्वदेशी पेड़ लगाए जाएं. यदि किसी पेड़ पर पक्षियों का घोंसला पाया जाता है तो उसे तब तक काटने या रोपने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक कि पक्षी उस पेड़ को छोड़ न दें. साथ ही पेड़ों की टहनियों और लकड़ी को कटाई के 90 दिनों के भीतर निकटतम श्मशान में मुफ्त में भेजा जाएगा.