मजदूरी करती महिलाओं को बनाता है टारगेट, लूट-रेप के बाद घोंट देता है गला; बरेली में हदशत में लोग

उत्तर प्रदेश के बरेली में अजीब दहशत है. यहां की महिलाएं अकेले खेतों में जाने से भी डरने लगी हैं. अब उन्हें चिंता सताने लगा है कि शाम को वह घर लौट पाएंगी भी या नहीं. उनकी यह चिंता जायज भी है. दरअसल बीते 3 महीने में ही छह महिलाओं की हत्या हो चुकी है. यह सभी हत्या गला घोंट कर अंजाम दी गई है. यह सभी हत्याएं दिन दहाड़े हुई हैं और खेतों में हुई हैं. आशंका है कि महिलाओं के साथ दुष्कर्म भी हुआ है. पुलिस ने इनमें से पांच मुकदमे दर्ज किए हैं, जबकि एक मामले में घर वालों ने पुलिस को तहरीर ही नहीं दी.

आज क्राइम सीरीज में इन्हीं घटनाओं को उधेड़ने की कोशिश करेंगे. शुरुआत ताजा घटनाक्रम से करते हैं. गुरुवार को ही शाही थाना क्षेत्र के ज्वाला गांव में एक महिला का निर्वस्त्र शव गन्ना के खेत में मिला है. महिला की पहचान वीरवती के रूप में हुई है.वह अपने चार बच्चों के साथ गांव में रहती थी और उसके पति पंजाब में नौकरी करते हैं. खुद खेतीहर मजदूर थी और दो दिन पहले वह काम के लिए खेतों में गई थी. पुलिस के मुताबिक महिला का गला उसी की साड़ी से घोंटा गया है.

आशंका है कि महिला के साथ गैंगरेप किया गया है, हालांकि पुलिस इसकी पुष्टि नहीं कर रही है. फिलहाल पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है. बीते दो महीने में पांच और महिलाओं की हत्या को भी ठीक इसी तरह से अंजाम दिया गया है. इन घटनाओं को देखने के बाद पुलिस को शक है कि यह वारदात किसी सीरियल किलर की भी हो सकती है, लेकिन इन घटनाओं के पैटर्न में कई बार बदलाव होने के चलते पुलिस यह भी मान रही है कि इन घटनाओं को अलग अलग अलग लोगों ने सेम पैटर्न पर अंजाम देने की कोशिश की है.

दरअसल कुछ मामलों में महिलाओं के गले और कान आदि से जेवर भी लूटे गए हैं. वहीं कुछेक में दुष्कर्म की भी बात सामने आई है. इन सभी मामलों में कॉमन बात यह है कि यह सभी महिलाएं खेतीहर मजदूर हैं और खेतों में काम करने के दौरान ही दिन दहाड़े वारदात को अंजाम दिया गया है. इनमें ज्यादातर घटनाएं सुबह दस बजे से शाम के तीन बजे के बीच अंजाम दी गई हैं. इनमें कुछ शवों को छिपाने की कोशिश हुई तो कुछ शव खुले में छोड़ भी दिया गया है.

खुलासे के लिए 8 टीमें गठित
लगातार सामने आए इन मामलों को देखते हुए पुलिस भी हैरान है. इन सभी मामलों की जांच पड़ताल के लिए पुलिस ने आठ टीमों का गठन किया गया है, लेकिन अभी तक किसी भी टीम के पास कोई सुराग नहीं है. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक पहला मामला 5 मई को शाही थाना क्षेत्र में ही सामने आया था. इसमें परतापुर गांव में रहने वाली कलावती की गला घोंट कर हत्या की गई थी. इसके बाद दूसरा मामला 17 जून को शाही थाना क्षेत्र के ही कुलछा गांव में देखने को मिला. इसमें 45 साल की धानवती लापता हो गई थी. दो दिन बाद 19 जून को उसका भी शव खेत में मिला.

इसी प्रकार 29 जून को सामने आए तीसरे मामले में शाही थाना क्षेत्र के आनंदपुर गांव में प्रेमवती को अगवा कर हत्या किया गया था. प्रेमवती का शव अगले दिन 30 जून को खेत में मिला था् इसी प्रकार 22 जुलाई को शाही थाना क्षेत्र के ही खजुरिया गांव में 38 साल की महिला कुसमा देवी की हत्या कर दी गई थी. कुसमा देवी का भी शव खेतों में ही मिला था. जबकि इसी महीने 10 अगस्त को मुबारकपुर की रहने वाली 56 साल की महिला शांति देवी की गला घोंट कर हत्या की गई.

सर्विलांस की मदद से होगी आरोपी की पहचान
इन सभी मामलों को देखते हुए पुलिस अब हरकत में आ चुकी है. 8 टीमों का गठन किया गया है. इन टीमों में जिले में तैनात कुछ पुराने इंस्पेक्टरों के अलावा एसओजी को शामिल किया गया है. मैन्युअल और इलेक्ट्रानिक सर्विलांस की मदद ली जा रही है. एसपी ग्रामीण राजकुमार अग्रवाल के मुताबिक सभी मामलों में कुछ पैटर्न मैच कर रहे हैं. ताजा मामले में महिला का गला साड़ी के फंदे से कसा हुआ था. जल्द ही इन सभी मामलों का खुलासा कर दिया जाएगा.

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