दिल्ली एक बार फिर गैस चैंबर बनने की ओर है. प्रदूषण की वजह से खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. इस साल अक्टूबर महीने का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 219 दर्ज किया गया है. जबकि पिछले साल यह औसत महज 210 और साल 2021 में 173 अंक ही था. माना जा रहा है कि यह स्थिति इस साल कम बारिश होने की वजह से है.दरअसल पिछले साल अक्टूबर 128.6 मिमी तक बारिश हुई थी, वहीं 2021 में बारिश 122.5 मिमी तक दर्ज हुई थी.
जबकि इस साल अक्टूबर महीने में महज 5.4 एमएम बारिश हुई है. मंगलवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में लगातार और तेजी से बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई थी. अपनी टिप्पणी में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाल तक दिल्ली घूमने के लिए अक्टूबर नवंबर का महीना अच्छा माना जाता था, लेकिन अब ऐसी स्थिति बन गई है कि घर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है. दिल्ली की हवा में जहर घुल गया और पूरी दिल्ली दमघोंटू स्मॉग की चादर में लिपट गई है. आलम यह है कि दिल्ली वासियों को अभी से घुटन सी महसूस होने लगी है.
उधर, केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने दावा किया है कि बीते दस दिनों से दिल्ली भयंकर प्रदूषण की चपेट में है और अगले चार पांच दिन तक इसमें कमी नहीं आने वाली, बल्कि यह और बढ़ सकता है. बोर्ड से जारी रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 359 दर्ज किया गया था. इसे स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद खराब माना गया है. अनुमान है कि अगले चार पांच दिनों में तापमान में गिरावट होगी. आशंका है कि तापमान गिरते ही प्रदूषण की स्थिति और गहरा सकता है.