स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. प्रमुख सचिव परिवहन लक्को वेंकटेश्वरलू द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 के नियम 222 के तहत स्कूल वैन और बसों में अनिवार्य सीसीटीवी कैमरों (CCTV in School Bus) का प्रावधान होगा. इसमें राज्य में स्कूली बच्चों को लाने ले जाने में लगी बसें भी शामिल होंगी.
परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने आदेश जारी किया है. जारी आदेश के अनुसार, सीसीटीवी लगवाने के लिए 3 माह का समय दिया गया है. स्कूल मैनेजमेंट के साथ वैन के मालिकों की जिम्मेदारी होगी कि यह आदेश का पालन समय से हो जाए.
क्या कहता है कानून?
उत्तर प्रदेश मोटर वाहन नियम, 1998 में कहा गया है कि बसों और वैन को पीले रंग से रंगा जाना चाहिए और ‘स्कूल बस’ शब्द को आगे और पीछे दोनों तरफ लिखा जाना चाहिए. वाहनों में प्रेशर हॉर्न या मल्टी-टोन हॉर्न नहीं लगाए जा सकते, न ही आपात स्थिति के लिए उनमें अलार्म घंटी या सायरन लगाया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि वाहनों में अग्निशामक यंत्र, जीपीएस ट्रैकिंग और एक परिचारक भी होना चाहिए.
सहायक आरटीओ सियाराम वर्मा ने कहा कि अतीत में, परिवहन विभाग ने कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए हैं और स्कूलों से अंदर सीसीटीवी कैमरे लगाने का आग्रह किया है. साथ ही उनकी बसों और वैन में भी CCTV Camera लगाया जाएगा. सीसीटीवी कैमरा लगाने की समय सीमा तय कर दी गई है. इसके लिए तीन महीने का समय है.
परिवहन विभाग के अधिकारियों की मानें तो CCTV लगने से बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी. साथ ही स्कूल वैन की निगरानी भी हो सकेगी. वहीं, बच्चों के साथ होने वाली अप्रिय घटना पर भी अंकुश लगेगी. प्राइवेट स्कूल वैन में भी ये सीसीटीवी कैमरे लगेंगे.