हैदराबाद की स्थानीय अदालत ने जनवरी 2019 में अपनी पत्नी के साथ क्रूरता करने और उसकी हत्या करने के लिए 38 वर्षीय एक व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई है. हैदराबाद पुलिस द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि अतिरिक्त मेट्रोपॉलिटन सत्र न्यायाधीश सीवीएस साई भूपति ने कार चालक इमरान उल हक पर 10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है. इस मामले में क्रूरता की सभी हदें पार हो गई थी, जिसके कारण अदालत ने ये फैसला सुनाया.
क्या था मामला
दोषी अपनी पत्नी को छोटी-छोटी बातों पर प्रताड़ित करता था. दहेज की मांग करता रहता था. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण क्षेत्र) पी साई चैतन्य ने बताया कि वह कार खरीदने के लिए अपनी पत्नी से 30,000 रूपए की मांग कर रहा था. उसकी मांग पूरी न होने पर 6 जनवरी, 2019 को अतिरिक्त दहेज के लिए अपनी पत्नी नसीम अख्तर (35) को परेशान करने वाले इमरान ने उसके शरीर पर कई जगहों पर कैंची और पेचकस से बेरहमी से वार किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया और हक को गिरफ्तार कर लिया गया. मामला कोर्ट में पांच सालों तक चला. जिसके बाद हैदराबाद की स्थानीय अदालत ने यह माना कि ये रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस है, जिसमे क्रूरता की सभी हदें पार हो गई. अदालत ने इमरान को अपनी पत्नी नसीम अख्तर (35) की हत्या और दहेज उत्पीड़न का मामले में दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई.