शनिवार को कर्नाटक में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के जबर्दस्त विरोध-प्रदर्शन के बीच जनता दल सेक्युलर-कांग्रेस की सरकार टीपू जयंती मना रही है. इस बीच मैसूर के शासक टीपू सुल्तान की जयंती समारोह पर सियासी हंगामा जारी है. कर्नाटक सरकार 2016 से टीपू सुल्तान की जयंती मना रही है और बीजेपी हर बार इसका विरोध करती आई है. इस बार भी बीजेपी ने इस कार्यक्रम को बाधित करने की धमकी दी. जिसके बाद हुबली, धारवाड़ और शिवमोग्गा सहित कर्नाटक के कई शहरों में धारा-144 लागू कर दी गई है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए टीपू जयंती के किसी कार्यक्रम में शामिल होने में असमर्थता जताई है. माना जा रहा है कि विवाद से बचने के लिए मुख्यमंत्री ने जानबूझकर इस कार्यक्रम से खुद को अलग कर लिया है.
आपको बता दें कि 18वीं सदी के मैसूर के शासक टीपू सुल्तान को भारतीय मुस्लिम समाज अपना नायक मानता रहा है. उन्हें भारतीय राष्ट्रीय एकता के मिसाल के तौर पर पेश करता है. कांग्रेस ने भी टीपू जंयती मनाने के पीछे यही तर्क दिया है. बीजेपी इस आयोजन का शुरू से ही विरोध करती रही है. बीजेपी टीपू सुल्तान को कट्टर मुस्लिम शासक बताती है. बीजेपी और दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि टीपू सुल्तान ने मंदिर तोड़े और बड़े पैमाने पर हिंदुओं का धर्मांतरण करवाया.