केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अनंत कुमार का देर रात करीब डेढ़ बजे निधन हो गया. वे कैंसर से पीड़ित थे और उन्होंने बेंगलुरू स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. 59 वर्षीय अनंत कुमार मोदी सरकार में संसदीय कार्यमंत्री थे. पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे और आईसीयू में वेंटिलेटर पर थे. उनको फेफड़ों का कैंसर और इंफेक्शन था. अंतिम दर्शन के लिए अनंत कुमार के पार्थिव शरीर को आज बेंगलुरू के नेशनल कॉलेज में रखा जाएगा. अनंत का पहले लंदन और न्यूयॉर्क में इलाज चला था और 20 अक्टूबर को ही वह बेंगलुरु वापस आए थे.
अनंत कुमार कर्नाटक में बीजेपी के दिग्गज नेताओं में गिने जाते थे. वह बेंगलुरू दक्षिण से छह बार लोकसभा सांसद रहे. साल 1996 में अनंत कुमार ने बेंगलुरु साउथ सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और उसके बाद उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा। आपातकाल के दौरान जेल जा चुके अंनत कुमार अपने छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे. 1985 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सचिव बने.
भारतीय जनता युवा मोर्चा में काम करने के बाद भाजपा ने 1996 में अनंत कुमार को बेंगलुरु दक्षिण से टिकट दिया था, जहां से वह आज तक लगातार जीतते हुए आए. 1999 में अनंत कुमार को अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया. वाजपेयी मंत्रिमंडल में अनंत कुमार सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी समेत कई नेताओ ने अनंत कुमार के निधन पर शोक जताया है. PM मोदी ने अनंत के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह हमेशा अपने अच्छे कामों के लिए याद किए जाएंगे.