दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में ईडी ने सातवीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की है. इसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट पर संज्ञान लेने के बाद कोर्ट ने तिहाड़ जेल में बंद केजरीवाल को 12 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का निर्देश जारी किया. इस पर उनकी ओर से वर्चुअल मोड से पेश होने की याचिका दाखिल की गई थी. इसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है.
ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि केजरीवाल आम आदमी पार्टी के संरक्षक होने के नाते पार्टी द्वारा किए गए हर कृत्य के लिए जिम्मेदार हैं. आम आदमी पार्टी प्रोसीड ऑफ क्राइम यानी अपराध से अर्जित आय के मुख्य तौर पर लाभार्थी है. साउथ लॉबी की तरफ से आए बतौर रिश्वत 100 करोड़ में से 45 करोड़ का इस्तेमाल ‘आप’ ने गोआ चुनाव में किया. लिहाजा पीएमएलए की धारा 70 के तहत एक कंपनी की तरह ‘आप’ भी इस अपराध में शामिल है. लिहाजा चार्जशीट में ‘आप’ को भी आरोपी बनाया गया है.
कोर्ट ने माथुर को 12 जुलाई को तलब किया
इससे पहले 17 मई को दाखिल आरोपपत्र में भी ईडी ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाया है. अदालत ने एजेंसी के आठवें आरोप-पत्र पर भी संज्ञान लिया है. इसमें आशीष माथुर और विनोद चौहान को आरोपी बनाया गया है. कोर्ट ने माथुर को 12 जुलाई को तलब किया है. विनोद चौहान को भी इसी दिन के लिए पेशी वारंट जारी किया है.
बीजेपी की पॉलिटिकल ब्रांच की तरह काम कर रही ईडी
इस बीच ‘आप’ के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने आरोप लगाया कि उनकी पार्टी के खिलाफ केंद्र सरकार बड़ी साजिश रच रही है. बीजेपी किसी भी कीमत पर हमारी पार्टी को खत्म करना चाहती है. ईडी बीजेपी की पॉलिटिकल ब्रांच की तरह काम कर रही है. इसकी वजह ये है कि बीजेपी ‘आप को अपने लिए बड़ा खतरा मनाती है. ‘आप’ को खत्म करने के लिए ही बीजेपी ने ईडी और सीबीआई को लगाया है.