कृषि विभाग ने क्वालिटी कंट्रोल अभियान तेज कर दिया है. इस अभियान के तहत 4700 खाद्य नमूनों की जांच का लक्ष्य तय किया गया है. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों अनुसार यह अभियान चलाया जा रहा है. राज्य के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली कृषि सम्बन्धित वस्तुएं और साजो-सामान यकीनी बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया है. इसके तहत पंजाब के कृषि और किसान कल्याण विभाग ने चेकिंग के दौरान 2 खाद्य कंपनियों के लायसेंस रद्द कर दिए हैं.
जिन कंपनियों के लायसेंस रद्द किये गए हैं उनमें मैसर्ज मध्य भारत एग्रो प्रोडक्कटस लिमटिड और मैसर्ज कृष्णा फोशैम प्राईवेट लिमटिड शामिल हैं. पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इन कंपनियों द्वारा मार्कफैड को आपूर्ति किए गए डी.ए.पी. स्टाक में से 40 नमूने लिए गए हैं. खाद्य कंट्रोल आर्डर 1985 अनुसार इन में से 24 नमूने गैर-मानक पाए गए और दो नमूनों की रिपोर्ट अभी आनी बाकी है.
उन्होंने कहा कि इस संबंधी उचित आगे वाली कार्रवाई के लिए भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को भी सूचित कर दिया गया है. डायरेक्टर कृषि और किसान कल्याण जसवंत सिंह ने बताया कि क्वालिटी कंट्रोल अभियान के अंतर्गत अब तक खाद्य के 1004 सैंपल लेकर जांच के लिए अलग-अलग लैबोट्रिरियों में भेजे गए हैं. कृषि मंत्री ने विभाग के डायरेक्टर को खेती सामग्री की स्पलाई की समीक्षा करने के लिए कहा ताकि किसानों को मानक उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. डायरेक्टर, कृषि ने आगे बताया कि निश्चित किए गए लक्ष्यों अनुसार जिलों में खाद्य के बाकायदा नमूने लेने के साथ डीएपी (18:46) एवं अन्य खाद्य की आमद पर भी लगातार नज़र रखी जा रही है. गुरमीत सिंह ने सभी मुख्य जिला कृषि अधिकारियों को हिदायत की है कि यदि उनको गैर-मानक/नकली खाद्य या किसी अन्य खेती उत्पाद संबंधी कोई शिकायत मिलती है तो वह पहल के आधार पर कार्रवाई को यकीनी बनाए. उन्होंने चेतावनी दी कि इस बारे में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.