तेलंगाना के निर्मल जिले के बेल तरोडा गांव की रहने वाली गंगामणि अपने पति से झगड़े के बाद 11 साल की बेटी दुर्गा के साथ अकेली रह रही थीं. कुछ वर्षों के बाद पति की बीमारी से मौत हो गई. जिसके बाद गंगामणि ने भी आत्महत्या कर ली लेकिन बच्ची अकेली रह गई. मां के अंतिम संस्कार के लिए बच्ची की पीड़ा देखकर हर किसी के आंखों में आंसू आ गए. ग्यारह साल की दुर्गा निर्मल तनूर मंडल के बेलतरोडा गांव की रहने वाली है. उसके पिता की बीमारी से मृत्यु हो गई. वहीं अब मां गंगामणि के आत्महत्या करने से वो अकेली रह गई. इस दुनिया में बच्ची का मां एकमात्र सहारा थी, उसने भी खुदखुशी कर ली और बच्ची अकेली रह गई. मां के खुदखुशी करने के बाद अंतिम संस्कार में मदद करने वाला कोई नहीं था. यहां तक कि दूर के रिश्तेदारों ने भी ऐसा व्यवहार किया जैसे उन्हें कोई परवाह ही नहीं हो.
मां के जाने के बाद अकेली रह गई बच्ची
बच्ची ने अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए भीख मांगी. उसने ग्रामीणों से मदद की गुहार लगाई. मां के खुदखुशी करने के बाद चिन्नारी दुर्गा अकेली रह गई. उनका कोई करीबी रिश्तेदार नहीं था. लोगों ने बताया कि चिन्नारी दुर्गा की माँ गंगामणि जो खोई हुई प्राणी की तरह लेटी हुई थीं, उसे नहीं पता था कि क्या करना है. वो रोती-चिल्लाती यही कह रही थी कि अंतिम संस्कार करो.
मां के अंतिम संस्कार के लिए बच्ची ने मांगी भीख
बच्ची अपनी मां के अंतिम संस्कार के लिए लोगों से भीख मांगा क्योंकि वह आर्थिक रूप से असमर्थ थी. उसने मां के शव के पास एक छोटा सा कपड़ा लपेटा और स्थानीय लोगों से मदद की गुहार लगाई. वहीं जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मदद के लिए पहुंचे और आर्थिक मदद भी की. वहीं जांच के लिए आए पुलिस कर्मियों ने भी अंतिम संस्कार के लिए बच्ची का सहयोग किया. वहीं कुछ अन्य लोगों को भी इस मामले की जानकारी हुई तो उन्होंने ऑनलाइन मदद कर अंतिम संस्कार में सहयोग किया.
पुलिस ने दिखाई दरिया दिली
11 साल की दुर्गा के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटना से हर कोई हैरान रह गया. मामले की जांच करने पहुंची मुथोल पुलिस ने मानवता दिखाई. मुथोल सीआई मल्लेश और सर्कल पुलिस स्टाफ ने चिन्नारी दुर्गा को 8 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की.