लेटरल एंट्री पर हो रहे सियासी घमासान के बीच केंद्र सरकार ने अपना फैसना वापस ले लिया है. इस मामले को तूल पकड़ता देख कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग को पत्र लिखकर संघ लोक सेवा आयोग से लेटरल एंट्री के आधार पर निकाली गई भर्तियों को वापस लेने को कहा है. इसमें कहा गया कि लेटरल एंट्री में निकाली गई भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है. इसलिए इसको ध्यान में रखते हुए तुरंत वापस लिया जाए.
सरकार के लेटरल एंट्री पर रोक लगाने के आदेश पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया. इसमें उन्होंने कहा कि बीजेपी की लेटरल एंट्री जैसी सभी साजिशों को हम हमेशा के लिए नाकाम करके दिखाएंगे. उन्होंने आगे कहा कि 50 परसेन्ट आरक्षण की सीमा को तोड़ कर जातिगत गिनती के आधार पर सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करेंगे.
राहुल गांधी का वीडियो
सरकार के यू टर्न के बाद से विपक्ष के कई नेता सरकार पर सीधा निशाना साध रहे हैं. इसी को लेकर कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर राहुल गांधी का एक वीडियो शेयर किया है. इसमें राहुल गांधी आक्रमक अंदाज में नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में राहुल गांधी आरक्षण के लेकर सरकार पर कई सवाल उठा रहे हैं. इसके साथ ही वो इसमें सामाजिक न्याय को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय देने की जिम्मेदारी गठबंधन की है.
अखिलेश ने भी किया सरकार पर हमला
सपा चीफ अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर सरकार पर बड़ा निशाना साधा है. उन्होंने पोस्ट करते हुए कहा कि पीडीए की एकता के आगे आखिर सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा. आगे उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री के इस मामले ने भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है.