इजराइल-हमास जंग, सरकार-हिंदुओं को सलाह…भागवत के भाषण की 10 बड़ी बातें

  1. मोहन भागवत ने कहा कि परिस्थितियां कभी चुनौतीपूर्ण होती हैं तो कभी अच्छी. इजराइल और हमास के बीच जो युद्ध शुरू हुआ है. हर कोई इस बात को लेकर चिंतित है कि यह कितना व्यापक होगा और इसका दूसरों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.
  2. संघ प्रमुख ने कहा कि अपना देश आगे बढ़ रहा है. भारत की तरक्की से कुछ लोगों को दिक्कत है. भारत इसलिए आगे बढ़ रहा है क्योंकि हम सबकी मदद करते हैं. हम शत्रुता करने वालों को भी आवश्यकता में मदद करते हैं. बाकी देशों में ऐसा स्वभाव नहीं है.
  3. कोलकाता के अस्पताल में हुई घटना हम सब को लज्जा से भर देने वाली और कलंकित करने वाली है. एक द्रौपदी के वस्त्र को हाथ लगा तो महाभारत हो गया, एक सीता का हरण होने पर रामायण हो गया. राजनीति और अपराध का गठबंधन ठीक नहीं है.
  4. भागवत ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार हो रहा है. वहां अल्पसंख्यकों पर खतरे की तलवार लटकी हुई है. बंगाल में अपराधियों को संरक्षण देने का प्रयास हुआ. अब वहां भारत से बचने के लिए पाकिस्तान से मिलने की बात हो रही है.
  5. बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार की परंपरा को फिर से दोहराया गया. पहली बार वहां का हिन्दू संगठित होकर सड़क पर उतरा इसलिए कुछ बचाव हो गया. बांग्लादेश के हिंदुओं को भारत सरकार के सहायता की आवश्यकता है.
  6. भागवत ने कहा कि कुछ लोग भारत को बांग्लादेश बना देना चाहते हैं. भारत में बांग्लादेश जैसी स्थिति उत्पन्न करना चाहते हैं. आजकल बांग्लादेश में लोगों को भारत के खिलाफ भड़काया जा रहा है और पाकिस्तान के साथ जाने की बात की जा रही है.
  7. संविधान में विरोध प्रदर्शन करने का तरीका है लेकिन फिर भी कानून को ताक पर रखकर सड़क पर उपद्रव और गुंडागर्दी की जाती है। ये कट्टरपंथियों का काम है और ऐसा एक समाज के कट्टर स्वभाव के कारण होता है.
  8. मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुओं को संगठित और सशक्त रहना चाहिए. दुर्बल रहना अपराध है. दुर्बलों पर कट्टरपंथी हावी होता है. अपनी रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए और ये हमारा अधिकार भी है. दुनियाभर के हिंदुओं को भारत सरकार की मदद मिले.
  9. समाज में सामाजिक समरसता और परस्पर सद्भाव बहुत जरूरी है. समाज के सभी वर्गों में मित्रता होनी चाहिए. यह पहल हम सभी को व्यक्तिगत तथा पारिवारिक स्तर से करनी होगी. समाज को बांटने का कोई कुचक्र सफल हो नहीं सकेगा.
  10. भागवत ने कहा कि हमने अपने संतों को, देवों को सबको बांट लिया है. ऐसा नहीं होना चाहिए. मंदिर, श्मशान, पानी हर किसी के लिए खुले होने चाहिए, इस पर किसी को कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए.

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