रविवार को दिल्ली की वायु एयर क्वालिटी (AQI) इंडेक्स के बीच उतार-चढ़ाव करता रहा. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार शाम चार बजे तक दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 318 दर्ज किया गया, जो शनिवार के 412 की तुलना में बेहतर रहा. हालांकि, वायु गुणवत्ता अभी भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक मानी जा रही है. CPCB के आंकड़ों के मुताबिक, पीएम 2.5 का स्तर रविवार को अपराह्न तीन बजे 138 पर रहा. समीर ऐप के अनुसार, दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से किसी ने भी रविवार को गंभीर श्रेणी में AQI दर्ज नहीं किया, जबकि एक दिन पहले 20 केंद्रों ने गंभीर स्तर पर वायु गुणवत्ता मापी थी.
पराली जलाने से गंभीर हो सकती है स्थिति
केंद्र के निर्णय सहायता प्रणाली (DSS) ने बताया कि रविवार को दिल्ली के प्रदूषण में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन का योगदान 18.1 प्रतिशत रहा. वहीं, शनिवार को पराली जलाने का योगदान 19 प्रतिशत था, जो दिल्ली की वायु गुणवत्ता खराब करने वाले प्रमुख कारकों में से एक है. DSS ने बताया कि वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण के आंकड़े स्थिति को और गंभीर बना सकते हैं. पिछले सप्ताह, रविवार को वायु गुणवत्ता इस मौसम में पहली बार खतरनाक स्तर 450 के पार पहुंच गई थी. सोमवार को यह और बिगड़कर 495 पर पहुंच गई, जिसके बाद हाई-कोर्ट ने प्रदूषण संकट से निपटने के लिए चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य बल (GRAP) के तहत चौथा चरण लागू किया.
कैसा रहा मौसम का हाल?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि रविवार को अधिकतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से दो डिग्री अधिक था. दिन में आर्द्रता का स्तर 96 से 76 प्रतिशत के बीच रहा. सोमवार को मध्यम कोहरे के साथ अधिकतम तापमान 28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. वायु प्रदूषण से निपटने के लिए दिल्ली सरकार और संबंधित एजेंसियों को प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है. वाहनों से होने वाले उत्सर्जन और पराली जलाने पर सख्ती के साथ-साथ जागरूकता अभियान भी चलाए जाने की आवश्यकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस मौसम में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को काबू करने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं.