एक बार फिर किसान अपनी मांगो को लेकर सरकार के खिलाफ लामबंद हो गए है. गुरुवार को किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने और कृषि उत्पाद लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य मुहैया कराने की मांग को लेकर लगभग 200 किसान संगठनों के आह्वान पर आंदोलन के लिये किसानों का दिल्ली का पहुंचना शुरू हो गया है. फिलहाल, किसान राजधानी के अलग-अलग इलाकों में रुके हैं और वे आज रामलीला मैदान तक मार्च करेंगे. सभी कल यानी शुक्रवार को संसद मार्ग पर मार्च करेंगे. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने यह आंदोलन बुलाया है.
समिति के संयोजक हन्नान मोल्लाह ने बताया कि मेघालय, जम्मू कश्मीर, गुजरात और केरल सहित देश के विभिन्न राज्यों से किसानों के समूह सड़क और रेल मार्ग से दिल्ली और आसपास के इलाकों में एकत्र होने लगे हैं. मोल्लाह ने इसे अब तक का सबसे बड़ा किसान आंदोलन होने का दावा करते हुये कहा कि गुरुवार को रामलीला मैदान में किसान सभा के आयोजन के बाद शुक्रवार को किसानों का हुजूम रामलीला मैदान से संसद मार्च करेगा.
आपको बता दें कि इसी साल अक्टूबर में भी हजारों किसान दिल्ली पहुंचे थे. हालांकि उन्हें दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर गाजीपुर में रोकने की कोशिश हुई थी. इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे. विपक्षी दलों ने बीजेपी को किसान विरोधी करार दिया था
वही योगेंद्र यादव की संस्था स्वराज इंडिया ने ट्वीट कर कहा कि देशभर के किसान ऐतिहासिक किसान मुक्ति मार्च के लिए दिल्ली पहुंच गए हैं. आज किसान चारों दिशाओं से पैदल मार्च करते हुए रामलीला मैदान तक पहुंचेंगे
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट करके किसानो के बारे में जानकारी दी है.