दिल्ली एनसीआर में इन दिनों छोटे बच्चो के देखिले की दौड़ लगी हुई है. दाखिला बच्चो का होना है लेकिन दौड़ में प्रतियोगी बच्चों के परिवार के लोग नज़र आ रहे है. परिवार के सदस्य नंबर वन की जद्दोज़हद में सभी स्कूल के चक्कर काट रहे है. बच्चों के दाखिले की चिंता उनके चेहरे पर साफ़ देखी जा सकती है. ऐसे ही हालत फरीदाबाद के सेक्टर चौदह के डीएवी पब्लिक स्कूल में देखने को मिले. जहां माँ बाप अपने लाडले के दाखिले के लिए सुबह से ही लाइन में खड़े नज़र आ रहे थे. मौका था बच्चे के साथ खुद को भी अध्यापक के साथ रूबरू होने का. कुछ के चेहरे पर मायूसी थी वही कुछ लोगो के चेहरे पर ख़ुशी झलक रही थी. दरअसल शनिवार को डीएवी पब्लिक स्कूल में दाखिले से पहले सभी बच्चों के साथ उनके माँ बाप को बातचीत के लिए बुलाया गया था.
इस मौके पर स्कूल की अध्यापिका तरुणा गुप्ता ने कहा है कि दाखिले के समय हम बच्चे का साक्षात्कार नहीं करते है हम सिर्फ देखते है कि बच्चा कितना एक्टिव है और वह ठीक से बोल पाता है या नहीं. साथ ही उनका कहना है कि दाखिले के दौरान स्कूल में साक्षात्कार नाम का जो भ्रम फैलाया जा रहा है उससे सभी माता-पिता को बचना चाहिए.
स्कूल की अध्यापिका इश्मीत कश्यप का कहना है कि दाखिले के दौरान माता पिता का मिलाना जरूरी होता है क्योकि इस दौरान हम माता पिता से बातचीत करते है और जानने की कोशिश करते है कि अपने बच्चे के साथ वह कितना अच्छा टाइम व्यतीत करते है. वह अपने बच्चे की बात सुनते है या नहीं. अक्सर देखा जाता है कि छोटा बच्चा माँ की ज्यादा सुनता है. वही दूसरी तरफ पिता के पास बच्चे के लिए समय कम रहता है. यही सब जानने की कोशिश करते है कि माता पिता बच्चों की पढ़ाई को लेकर कितने गंभीर है.
दाखिले के समय आज भी कई माता पिता को आधार कार्ड का भूत सताया हुआ है कि अगर आधार कार्ड नहीं हुआ तो बच्चे के दाखिले में दिक्कतें आ सकती है. इस मामले पर स्कूल की प्रधानाध्यापिका प्रेमलता जुनेजा का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अब कोई भी स्कूल आधार कार्ड के लिए आपको विवश नही कर सकता और हम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते है. अगर माता पिता चाहे तभी वह आधार कार्ड की कॉपी जमा करवा सकते है. आधार कार्ड ना होने की अवस्था में बच्चे के दाखिले की प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ेगा. साथ ही उन्होंने कहा है कि इस दौरान माता पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है.
मसला कुछ भी हो लेकिन इतना तो तय है कि दाखिले के दौरान माता पिता पर तनाव और दबाव रहता है. उन्हें डर लगा रहता है कि बच्चे का स्कूल में दाखिला होगा या नहीं. दाखिले के लिए माता पिता कई स्कूल के फ्रॉम भी भरते है. सभी इसी उम्मीद में रहते है कि किसी एक स्कूल में तो बच्चे का दाखिला हो जायेगा. इतना ही नहीं माता पिता को स्कूल में दाखिले से पहले मंदिरो में भगवान् से मन्नत माँगते भी देखा गया है.