भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और बड़ी कामयाबी मिली है. बुधवार सुबह भारत के सबसे भारी उपग्रह जीसैट-11 का फ्रेंच गुयाना से एरिएयन स्पेस रॉकेट की मदद से सफल प्रक्षेपण किया गया. भारतीय समयानुसार देर रात 2.07 AM और 3.23 AM के बीच इस सैटेलाइट को लॉन्च किया गया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बताया कि करीब 5,854 किलोग्राम वजन का जीसैट-11 देशभर में ब्रॉडबैंड सेवाएं उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा. बताया जा रहा है कि यह सैटेलाइट GSAT-11 इसरो का बनाया अब तक का ‘सबसे अधिक वजन’ वाला उपग्रह है.
Update #4#ISROMissions
Here's the video of #Ariane5 VA-246 lift off from Kourou Launch Base early today morning carrying India's #GSAT11 and South Korea’s GEO-KOMPSAT-2A satellites, as scheduled.
Video: @Arianespace pic.twitter.com/h0gjApbHHd
— ISRO (@isro) December 5, 2018
एजेंसी ने बताया कि करीब 30 मिनट की उड़ान के बाद जीसैट-11 अपने वाहक रॉकेट एरियन-5 से अलग हुआ और जियोसिंक्रोनस (भूतुल्यकालिक) ट्रांसफर ऑर्बिट में स्थापित हुआ. यह कक्षा उपग्रह के लिए पहले से तय कक्षा के बेहद करीब है.
इसरो के प्रमुख के. सिवन ने सफल प्रक्षेपण के बाद कहा, ‘‘भारत द्वारा निर्मित अब तक के सबसे भारी, सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली उपग्रह का एरियन-5 के जरिये आज सफल प्रक्षेपण हुआ.’’ उन्होंने कहा कि जीसैट-11 भारत की बेहतरीन अंतरिक्ष संपत्ति है.
क्या है ख़ास जीसेट 11:
यह सेटेलाइट देश के टेलीकॉम सेक्टर खासकर ग्रामीण भारत के लिए यह वरदान साबित होगा. उच्च क्षमता वाला यह थ्रोपुट संचार उपग्रह हर सेकंड 100 गीगाबाइट से ऊपर की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देगा. साथ ही यह देश में उन्नत दूरसंचार और डीटीएच सेवाएं भी प्रदान करेगा. यह देश में पहले से मौजूद इनसैट या जीसैट सेटेलाइट सिस्टम की तुलना में यूजर्स को ज्यादा स्पीड देगा. यह नई पीढ़ी के एप्लीकेशन को प्रदर्शित करने के लिए प्लैटफॉर्म भी उपलब्ध कराएगा.
वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ISRO की इस कामयाबी पर ख़ुशी जाहिर करते हुए ट्वीट किया है.