पांच राज्यों के नतीजे में आम आदमी पार्टी हुई फिस्सड्डी साबित, पार्टी को NOTA से भी कम वोट पड़े.

दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने भी कभी नहीं सोचा होगा की उसे ऐसे दिन भी देखने पड़ेंगे. पांच राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम) में हुए चुनाव के बाद मंगलवार को वोटो की गिनती की गयी थी. जिसमे कांग्रेस पार्टी ने तीन राज्यों में सत्ता हासिल की वहीं बीजेपी दूसरे नंबर पर रही. इन चुनाव में आम पार्टी फिस्सड्डी ही साबित हुई है. आपको बता दे की जिन 5 राज्यों में AAP ने 3 में अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन पार्टी को NOTA से भी कम वोट पड़े.

राजस्थान की बात को AAP ने राज्य में कुल 143 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसके 51 उम्मीदवार ऐसे रहे जिनको 500 वोट भी नहीं मिल पाए, उन 51 उम्मीदवारों में 12 उम्मीदवार तो ऐसे थे जिनको 200 वोट भी हासिल नहीं हो सके. गंगापुर विधानसभा सीट पर पार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ 130 वोट पड़े, निंबाहेड़ा विधानसभा सीट पर पार्टी के उम्मीदवार को सिर्फ 137 वोट ही मिले हैं. राजस्थान में आम आदमी पार्टी को कुल मिलाकर 135816 वोट मिले हैं जो NOTA के तहत पड़े वोटों के मुकाबले 71 प्रतिशत कम हैं.  NOTA के तहत राजस्थान में 467781 वोट पड़े हैं।

सिर्फ राजस्थान ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में भी पार्टी का ऐसा ही हाल है, छत्तीसगढ़ में आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन की बात करें तो उसके कई उम्मीदवार 300 वोटों के लिए तरस गए, आम आदमी पार्टी के टिकट पर चंद्रपुर विधानसभा सीट से लड़ने वाले भानूप्रकाश तो सिर्फ 144 वोट ही हासिल कर सके.

आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में कुल 85 उम्मीदवार उतारे थे जिनमें से 4 उम्मीदवार 300 का आंकड़ा पार नहीं कर पाए, 8 उम्मीदवार ऐसे थे जिनको 300-500 के बीच में वोट पड़े और 33 उम्मीदवार ऐसे थे जिनको 500-1000 के बीच वोट पड़े. यानि 85 में से 45 उम्मीदवार 1000 के पीछे ही रहे.

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