जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री की रस्साकस्सी पर आखिरकार फैसला आ गया है. राजस्थान की कमान अशोक गहलोत को सौपी गयी है वहीं जबकि सचिन पायलट को राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है. सचिन साथ ही प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी बने रहेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के घर पर चल रही बैठकों के दौर के बाद अशोक गहलोत को सीएम बनाने का एलान किया गया है. सचिन पायलट को डिप्टी सीएम के पद की जिम्मेदारी दी गई है. राजस्थान के मुख्यमंत्री की रेस में सचिन पायलट और अशोक गहलोत चल थे लेकिन युवा चेहरे और अनुभव में से बाजी अनुभव के हाथ लगी और अशोक गहलोत को सीएम बनाने का फैसला किया गया.
अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनाये जाने पर सभी का धन्यवाद किया है:
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने ट्विटर हेंडल से सचिन पायलट और अशोक गहलोत की उसी तरह की फोटो जारी की जिस तरह की उन्होंने गुरुवार शाम को कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो जारी की थी
कौन हैं अशोक गहलोत
गहलोत जोधपुर से आते हैं जो मारवाड़ में पड़ता है. वहां का नारा है ‘गहलोत नहीं आंधी है’, ‘मारवाड़ का गांधी है’. गहलोत अपनी सादगी के लिए भी जाने जाते हैं. हमेशा सूत की माला ही स्वीकारते हैं. मुख्यमंत्री रहते हुए अपनी बेटी सोनिया की शादी बेहद सादे अंदाज में की थी. गहलोत पर कभी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप नहीं लगे. दामाद की फर्मों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगा था लेकिन जांच में कुछ खिलाफ नहीं पाया गया.
अशोक गहलोत का राजनीतिक सफर
गहलोत का लाइफस्टाइल बेहद साधारण है इसके कारण इन्हें राजस्थान का गांधी भी कहा जाता रहा है. अशोक गहलोत सबसे पहले 1980 में सांसद चुने गए थे. वह लगातार चार बार सांसद रहे हैं. इसके बाद साल 1998 से लेकर अभी तक सरदारपुरा सीट से पांच बार विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे. यूपीए सरकार के दौरान केंद्र में भी गहलोत ने अहम भूमिका निभाई. साल 1982 से 1993 के बीच उन्होंने पर्यटन, नागरिक उड्डयन, स्पोर्ट्स और टेक्सटाइल मंत्रालय संभाला है. बाद में साल 2004 से 2008 तक उन्होंने राष्ट्रीय महासचिव पद पर काम किया.