फरीदाबाद के तिगांव विधानसभा से कांग्रेस विधायक ललित नागर आज “विधायक आपके द्वार” के तहत सरस्वती कॉलोनी के लोगो के बीच पहुँचे. इस दौरान कॉलोनी के लोगों ने ललित नागर का फूलमाला पहनाकर जोरदार स्वागत किया. इस मौके पर नागर ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा है कि इस कॉलोनी के लोगों ने हर अच्छे और बुरे वक्त में मेरा साथ दिया है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि 2014 में चुनाव से पहले बीजेपी ने कहा था कि अच्छे दिन आने वाले है, बीजेपी ने वादा किया था कि देश में भ्रष्टाचार खत्म कर देंगे, मंहगाई कम हो जाएगी, साल में दो करोड़ नौकरियाँ देंगे. नागर ने बताया है कि हमारे देश की जनता भोली भाली है एक दूसरे पर विश्वास करती है . लेकिन जनता के साथ विश्वासघात हुआ है. बीजेपी ने जनता के साथ धोखा किया है. भाजपा सरकार ने जितने सपने दिखाए थे एक भी सपने पूरे नहीं किये है.
ललित नागर ने कहा है कि आज भ्रष्टाचार कई गुना बढ़ चुका है. आम आदमी को अपने घर की रजिस्ट्री कराने के लिए रिश्वत के तौर पर मोटी रकम अदा करनी पड़ रही है. घरो में बिजली के बिल गलत भेजे जाते है फिर उसे सही कराने के नाम पर रिश्वत ली जाती है. वही बिजली का नया कनेक्शन लगाने के लिए घूस के रूप में चढ़ावा चढ़ाना पड़ रहा है. सरकार द्वारा आम आदमी को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है. ..
उन्होंने फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुज्जर पर भी आरोप लगाते हुए कहा है कि गुज्जर खुद को विकास पुरुष कहते है, लेकिन मैं पूछना चाहता हूँ विकास पुरुष से कि इन कॉलोनियों का विकास अब तक क्यों नहीं हुआ? कॉलोनी के लोगों के लिए साफ़ पानी की व्यवस्था क्यों नहीं कराई गयी, कॉलोनी में पानी की निकासी की सुविधा क्यों नहीं की. सिर्फ नाम के ही विकास पुरुष हो या कुछ काम भी करके दिखाओगे.
साथ ही उन्होंने कहा है कि मैं हरियाणा की खट्टर सरकार से पूछना चाहता हूँ कि मुझे अभी तक एक रुपये की ग्रांट क्यों नहीं दी है? जबकि अपने सभी बीजेपी के विधायक को करोड़ों रुपये ग्रांट के तौर पर दिए जा चुके है. फिर विपक्ष के विधायक के साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है. क्या हम जनता के चुने हुए प्रतिनिधि नहीं है? बीजेपी सरकार हमारी विकास की सभी फाइल्स को क्यों रोक रही है? कृष्णपाल गुज्जर को 32 हज़ार करोड़ रुपये का बजट मिला है, मेयर को करोड़ों रुपये मिले है या तक कि निगम पार्षद को भी करोड़ो की ग्रांट मिल रही है. फिर मुझे अभी तक एक रुपये की ग्रांट राशि क्यों नहीं दी. क्या यही है सबका साथ सबका विकास.