दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन से बाहर होने के उनके फैसले के पीछे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को जिम्मेदार बताया है. नीतीश कुमार ने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर रुख अख्तियार करने में राहुल गांधी की ‘अक्षमता’ के कारण वह विपक्षी गठबंधन से बाहर निकल गए. साथ ही नीतीश कुमार ने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 40 सीटें दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राहुल ने उन्हें निराश किया जब उन्होंने ‘कोई बयान तक नहीं दिया, जिससे कि (गठबंधन छोड़ने के बारे में) मैं दोबारा विचार कर सकता था. नितीश ने कहा, ‘हमेशा से मेरा रुख रहा है कि अपराध, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता से कोई समझौता नहीं होगा. उनकी कार्यशैली इस तरह की थी कि मेरे लिये काम करना मुश्किल होता जा रहा था. सभी स्तरों पर हस्तक्षेप था. उनके लोग अपने फरमानों के साथ थाने में टेलीफोन करते थे.
नीतीश कुमार ने एक निजी समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में साथ ही साफ किया कि बीजेपी के साथ असंतोष का अब कोई सवाल नहीं है. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ही अगली बार देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. बता दें कि बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें के एनडीए गठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है. इसमें जेडीयू और बीजेपी बराबर-बराबर 17-17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वहीं बिहार एनडीए में शामिल रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी