सावधान!! कही आपका अकाउंट या जानकारी हैक तो नही हो गयी? 77.2 करोड़ से ज्यादा ईमेल हैक होने का दावा..

सावधान कही आपका अकाउंट या जानकारी हैक तो नही हो गयी है.खबरों के मुताबिक हैकर्स ने नए साल का स्वागत 77.2 करोड़ से ज्यादा ईमेल और दो करोड़ से ज्यादा पासवर्ड लीक कर किया है. इस डाटा का बड़ा हिस्सा क्लाउड स्टोरेज सर्विस मेगा पर था. सिक्योरिटी रिसर्चर ट्रॉय हंट ने इस डाटा लीक का पता लगाकर अपनी वेबसाइट ट्रॉयहंट डॉट कॉम पर डाल दिया है. सिक्योरिटी रिसर्चर ने इसे कलेक्शन हैशटैग 1 के तौर पर पेश किया है. हंट ने कहा है कि यह कुल 2,692,818,238 पासवर्ड और ईमेल एड्रेस का डाटा है.

2.6 अरब से ज्यादा पासवर्ड-ईमेल का है डाटा
इसे 2008 से अब तक अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर दुनिया भर के उपभोक्ताओं से चुराया गया है. बड़ी संख्या में लोगों ने इसकी जानकारी देकर रीसर्च में मदद की. इस कलेक्शन में कुल 87 जीबी डाटा की 12,000 फाइलें हैं. हंट ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘मैंने पाया कि मेरा पर्सनल डाटा भी इस पर था, जो पूरी तरह सही भी था. हालांकि, मेरा पासवर्ड पुराना था, जिसे मैं कुछ साल पहले इस्तेमाल करता था.’
कैसे पता करें अपनी ईमेल आईडी की स्थिति

यह डाटाबेस ‘हैव आई बीन प्वांड’ वेबसाइट पर है. आपको https://www.haveibeenpwned.com पर जाना होगा और अपनी आईडी विंडो में लिखकर एंटर करना होगा. अगर आपकी ईमेल आईडी सुरक्षित है तो ‘गुड न्यूज – नो प्वांज फाउंड!’ आएगा. अगर आईडी डाटाबेस में हैं तो ‘ओह नो प्वांड’ आएगा. अगर आपकी आईडी सेफ नहीं है तो तुरंत पासवर्ड और अन्य गोपनीय ब्योरा बदल लें.

कौन है ट्रॉय हंट
ट्रॉय हंट ने ‘आधार’ की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे. सिक्योरिटी रिसर्च ने कहा था कि इसमें 120 करोड़ लोगों की निजी जानकारी होगी, जिसकी शत-प्रतिशत सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है. दावा किया गया था कि देर-सवेर इसके लीक होने की खबरें सामने आएं

वही दूसरी तरफ फेसबुक ने बृहस्पतिवार को बताया कि फर्जी खबरों के खिलाफ मुहिम के तहत उसने रूस से जुड़े सैकड़ों पेज, ग्रुप और अकाउंट हटा दिए हैं. सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि उसने अपने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर दो नेटवर्क पाए जिनका काम का तरीका अनुचित था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई.

फेसबुक के साइबर सिक्योरिटी पॉलिसी के प्रमुख, नथानिएल ग्लीचर ने कहा, इनमें से एक नेटवर्क मध्य व पूर्वी यूरोप, बाल्टिक, मध्य एशिया और काकेशस से संचालित था जबकि दूसरा यूक्रेन से. इन नेटवर्क पर ये लोग खुद को स्वतंत्र समाचार स्रोतों के रूप में दिखा रहे थे और नाटो विरोधी भावना व आंदोलन जैसे विषयों पर पोस्ट करते थे.

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