बेंगलुरू: कर्नाटक में सियासी गहमागहमी जारी है. कांग्रेस और जेडीएस विपक्षी पार्टी बीजेपी पर विधायकों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगा रही है तो वहीं बीजेपी सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस पर यही आरोप लगा रही है. इस बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को रिसॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धरमैया ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गठबंधन सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं क्योंकि उन्हें आगामी लोकसभा चुनावों में तीन या चार सीटें ही मिलने का डर है. सिद्धरमैया ने कहा, “हमारे सभी विधायक एक साथ रहेंगे. हम वहां सूखे की स्थिति पर चर्चा करेंगे. हमारे सभी विधायक, सांसद और मंत्री एक स्थान पर रहेंगे. जब तक जरूरी होगा, हम रहेंगे.”
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, “हम पार्टी के मुद्दों के बारे में चर्चा करेंगे..बीजेपी के हमले से बचने के लिए. हम सूखा, लोकसभा चुनाव के बारे में भी चर्चा करेंगे.” कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों के अनुसार, पार्टी के कम से कम आठ विधायकों ने पाला बदलने का वादा किया था. सूत्रों ने कहा कि इससे बचने के लिए विधायकों को बेंगलुरू के बाहरी इलाके में स्थित एक रिसॉर्ट ईगलटन ले जाया गया है.
कांग्रेस की बैठक में नहीं पहुंचे 4 विधायक
चार नाराज कांग्रेसी विधायक पार्टी विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में शामिल नहीं हुए. यह बैठक बीजेपी द्वारा कथित तौर पर एच डी कुमारस्वामी सरकार को हटाने के लिये की जा रही कोशिशों के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा था. आंकड़ों के लिहाज से चार विधायकों की गैरमौजूदगी से सात महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार को तत्काल कोई खतरा नहीं है लेकिन इससे यह संकेत मिलता है कि अब भी असंतोष झेल रही कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है.
सीएलपी नेता सिद्धरमैया ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि कांग्रेस अनुपस्थित विधायकों रमेश जारकीहोली, बी नगेंद्र, उमेश जाधव और महेश कुमाताहल्ली को नोटिस जारी करेगी. हाल ही में कैबिनेट फेरबदल में मंत्रीपद से हटाए जाने के बाद से जारकीहोली बेहद नाखुश थे. उन्होंने कहा कि बैठक में 76 विधायक मौजूद थे. लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल और उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर के साथ ही प्रदेश कांग्रेस के दूसरे नेता भी बैठक में मौजूद थे. सिद्धरमैया ने कहा कि जाधव ने लिख कर कहा था कि वह अस्वस्थ होने के कारण बैठक में भाग नहीं ले सकेंगे वहीं नागेंद्र ने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल से कहा था कि अदालत में एक मामले के कारण वह बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि दो अन्य विधायकों से कोई सूचना नहीं मिली है.