पुलवामा: दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला करने की वारदात को सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दिया गया. इससे घटना वाली जगह का भी चयन किया था, ताकि नुकसान ज्यादा हो. कई दिन बाद जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के खुलने के बाद सीआरपीएफ का यह काफिला गुरुवार तड़के करीब 3:30 बजे जम्मू से रवाना हुआ था. शाम तक उसके श्रीनगर पहुंचने की उम्मीद थी. मगर श्रीनगर से 31 किलोमीटर दूर पुलवामा जिले के लेथपोरा इलाके में आत्मघाती हमलावर ने दोपहर बाद 3:16 बजे काफिले को निशाना बनाया.
250 किलो से अधिक विस्फोटक से लैस थी एसयूवी
खबरों के अनुसार करीब 250 किलो से अधिक विस्फोटक से लैस एक एसयूवी लेथपोरा में एक मोड पर थी, वहां से गुजर रहे सीआरपीएफ के वाहनों को निशाना बनाया. तीन गाड़ियां बुरी तरह से इस विस्फोट से प्रभावित हुई जिनमें दो गाड़ियां 54 और 35 बटालियन की थी. अगर घटनाक्रम को गौर से देखा जाए तो जगह का चयन भी ऐसा किया गया था। चढ़ाई पर एक मोड़ था, जहां आतंकियों को पता था कि गाड़ियां वहां धीमी रफ्तार से पास होंगी. इसलिए आत्मघाती हमलावर ने भी उसी जगह को चुना ताकि ज्यादा नुकसान हो सके.
वकास कमांडो के रूप में हुई हमलावर की पहचान
अमूमन ऐसे हमले सुकमा या अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में देखने को मिलते हैं जहां सुरक्षाबलों के काफिलों को निशाना बनाया गया है. वहीं इस हमले के पीछे पुलवामा के एक स्थानीय आतंकी के शामिल होने की बात सामने आई है. हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से इस आतंकी की फोटो जारी करते हुए कहा है कि आत्मघाती हमलावर (गाड़ी चालक) यही था. जिस आतंकी के इस हमले में शामिल होने की बात सामने आई है उसकी पहचान जैश द्वारा गुंडीबाग पुलवामा के आदिल अहमद उर्फ वकास कमांडो के तौर पर बताई गई है. उसका एक वीडियो भी जैश द्वारा जारी किया गया है और माना जा रहा है कि वकास कमांडो जैश के अफजल गुरु स्क्वॉयड का हिस्सा था.
सुरक्षा एजेंसियों को मिले थे हमले के इनपुट
बता दें कि पहले से ही सुरक्षा एजेंसियों के पास एक इनपुट भी था कि घाटी में अफजल गुरु और मकबूल भट की बरसी पर जैश का अफजल गुरु स्क्वॉयड किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकता है. इससे पहले भी यह स्क्वॉयड उड़ी जैसे बड़े हमले के अलावा कई हमलों को अंजाम दे चुका है.