जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) काफिले पर हुए हमले के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए रविवार को मीरवाइज उमर फारुक समेत पांच अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा वापस ले ली है. अधिकारी के अनुसार इन पांच नेताओं और अन्य अलगाववादियों को किसी भी चीज की आड़ में सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जाएगी. हाल ही में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इशारों में हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा की बात कही थी जिसके बाद यह कदम उठाया गया है.
राजनाथ ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर में कुछ ऐसे तत्व हैं जो सीमापार से आतंक फैलाने वाले लोगों और आईएसआई से मिले हुए हैं. मैंने राज्य के प्रशासन से कहा है कि ऐसे लोग जो पाक और आईएसआई से पैसा लेने वाले हैं, उनको दी गई सुरक्षा की समीक्षा कराई जाए’ पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में आतंक को फैलाने वाले लोगों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होने दिए जाएंगे.