पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पूर्व पत्नी रेहम खान ने उन्हें सेना की कठपुतली बताया है. उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बारे में अपना बयान देने से पहले वह सेना के निर्देश का ही इंतजार कर रहे थे. रेहम खान ने आरोप लगाया कि इमरान अपने सिद्धांतों से समझौता कर सत्ता में आए हैं. रेहम खान ने कहा, ‘इमरान खान विचारधारा और उदार नीतियों से समझौता कर सत्ता में आए हैं. मैं एक मिनट के लिए भी नहीं सोच सकती कि यह उनकी नीति है. उन्हें ऐसा करने का निर्देश दिया गया है और सत्ता-प्रतिष्ठान जो चाहता है वैसा करने के लिए उन्हें निर्देश देता है. हमने चुनाव के दौरान कई नए चरमपंथी धार्मिक दलों का उभार देखा है और हमने इस्लामाबाद में भी काफी हिंसा, दंगे होते देखे हैं. इमरान खान ईशनिंदा कार्ड का भी इस्तेमाल कर रहे हैं.’
रेहम का यह बयान मंगलवार को पाकिस्तान के पीएम इमरान खान द्वारा पुलवामा हमले पर दी गई प्रतिक्रिया के बाद आया है. इमरान खान ने कहा कि भारत यदि जंग का ऐलान करता है तो पाकिस्तान निश्चित रूप से इसका जवाब देगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि पुलवामा हमले में पाकिस्तान के लोगों के शामिल होने का सबूत मिला तो वह सख्त कार्रवाई करने को तैयार हैं.
इमरान खान ने टीवी पर प्रसारित अपने बयान में कहा, ‘आप यदि यह सोचते हैं कि आप हमारे खिलाफ जंग छेड़ देंगे तो आप गलत हैं. हम इसका जवाब देंगे, हमारे पास जवाब देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है. जंग शुरू करना तो इंसान के हाथ में है, लेकिन इसका अंत क्या होगा अल्लाह ही जानता है.’ रेहम खान ने कहा, ‘इमरान खान को जो सिखाया गया है, वह वही कर रहे हैं. वह यदि यह दावा कर रहे हैं कि लोगों पर कार्रवाई करेंगे तो कुछ करके दिखाना होगा. हमारा देश फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स में ब्लैक लिस्ट होने की राह पर है और यह पुलवामा से भी पहले की बात है.’
रेहम ने कहा, ‘हमें कार्रवाई करनी चाहिए, इसलिए नहीं कि भारतीय प्रधानमंत्री यह चाहते हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि यह पाकिस्तान के हित में है. इमरान खान सही बात तो कह रहे हैं, लेकिन हमने पिछले सात-महीनों में उन्हें कोई कदम उठाते नहीं देखा है. यह हो सकता है कि हमारा (पाकिस्तान सरकार) जैश के साथ कोई जुड़ाव न हो, लेकिन हमने इन संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है.’
रेहम खान ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उनके भाषण पर कुछ थिंक टैंक ने काम किया होगा. मुझे नहीं लगता कि यह उनका भाषण है. मुझे लगता है कि उन्हें यह सब बोलने के लिए कहा गया है.’ गौरतलब है कि पिछले हफ्ते गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे. पुलवामा में हुआ यह आत्मघाती हमला जम्मू-कश्मीर के 30 साल के खूनी इतिहास में सबसे बड़ा हमला है. मिल सकता