देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी का नाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को जल्द से जल्द मोबाइल, ईमेल और लैंडलाइन नंबर भेजने का निर्देश दिया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से कुलपतियों को पत्र लिखा गया है. यूजीसी सचिव प्रो. जैन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन के अलावा अन्य विभागों के प्रमुख के नाम, ईमेल अपलोड करने का आदेश दिया है.
यूजीसी का मानना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों से जुड़ी जानकारियां नहीं हैं. इससे उनसे संपर्क करना मुश्किल होता है. इसलिए सभी विश्वविद्यालयों को कुलपति, रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी व नोडल अधिकारी (यूजीसी) काम नाम, ईमेल आईडी व लैंडलाइन नंबर वेबसाइट पर अपलोड करने के साथ यूजीसी को भेजने होंगे. यूजीसी ने जल्द से जल्द सभी जानकारियां ugcuniversity2019@gmail.com ईमेल पर भेजने को कहा है.
कैंपस में प्लास्टिक प्रयोग पर लगाए रोक : यूजीसी
विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक से बने उत्पादों का प्रयोग न करने का आदेश दिया गया है. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों से पर्यावरण बचाने में युवाओं को जोड़ने का आग्रह किया है. यूजीसी ने प्लास्टिक से बने उत्पाद की बजाय लकड़ी या कृषि अपशिष्ट से तैयार उत्पादों का प्रयोग करने को कहा है. यूजीसी सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से कुलपतियों को पत्र लिखा गया है. प्रो. जैन की ओर से भेजे पत्र में पर्यावरण बचाने के लिए युवाओं को आगे आना का आग्रह किया गया है.
जलवायु परिवर्तन व वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, जबकि पीने के पानी में कमी आ रही है. इसलिए प्लास्टिक से बने उत्पादों का प्रयोग कम करना होगा. छात्रों को लकड़ी के कागज या कृषि अपशिष्ट से तैयार कप, प्लेट आदि के प्रयोग पर जोर दें, ताकि प्रदूषण कम किया जा सके. विश्वविद्यालयों को इस संबंध में अपने नोटिस बोर्ड, क्लास रूम आदि में दिशा-निर्देश चिह्नित करने को भी कहा गया है.
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