अगले कुछ महीनों में होने वाला लोकसभा चुनाव खर्च के मामले में सबसे महंगा होने जा रहा है. इसका बजट अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव से भी ज्यादा होने वाला है. अमेरिका स्थित एक चुनाव विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत में आगामी आम चुनाव भारत के इतिहास में और किसी भी लोकतांत्रिक देश के सबसे खर्चीले चुनावों में से एक होगा. ‘कारनीज एंडोमेंट फोर इंटरनेशनल पीस थिंकटैंक’ में सीनियर फेलो तथा दक्षिण एशिया कार्यक्रम के निदेशक मिलन वैष्णव ने पीटीआई-भाषा को बताया कि 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव तथा कांग्रेस चुनावों में 46,211 करोड़ रुपये (6.5 अरब अमेरिकी डॉलर) का खर्च आया था.
अगर भारत में 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में 35,547 करोड़ रुपये (पांच अरब अमेरिकी डॉलर) खर्च हुए थे तो 2019 के चुनाव में यह आंकड़ा आसानी से पार हो सकता है, ऐसा हुआ तो यह दुनिया का सबसे खर्चीला चुनाव साबित होगा” भारत का चुनाव आयोग जल्द ही 543 सदस्यीय लोकसभा के लिये चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है.
केंद्र सरकार ने कसी कमर
खबरों की माने तो केंद्र सरकार ने धांसू प्रचार के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है. सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने फिलहाल 18 कंपनियों को इस कार्य के लिए शॉर्टलिस्ट किया है, जिसमें कई नामी-गिरामी विज्ञापन एजेंसियां शामिल हैं. इन कंपनियों में किसी एक को जल्द ही इस काम के लिए नियुक्त कर दिया जाएगा.
जो भी कंपनी इसके लिए चुनी जाएगी, उसे सरकार की 14 महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में प्रचार करना होगा. यह योजनाएं हैं–जन धन योजना, मुद्रा योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत, पीएम फसल बीमा योजना, अटल पेंशन योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया, डिजिटल पेमेंट प्रोत्साहन, आयुष्मान भारत और उज्जवला.
सोशल मीडिया पर प्रचार के लिए होगी अलग कंपनी
सोशल मीडिया पर विज्ञापन का प्रचार करने के लिए अलग कंपनी बनेगी. कुल तीन कंपनियों को सलेक्ट किया जाएगा, जिनमें एक कंपनी टीवी, वेब और रेडियो के लिए विज्ञापन तैयार करेगी. दूसरी कंपनी होर्डिंग व पोस्टर के लिए बाहरी विज्ञापन करेगी. इन सभी कंपनियों के लिए टारगेट पूरे देश में मौजूद सभी लोग होंगे.