भूख के मारे खाने की जिद्द करने पर बाप ने 6 साल के बच्चे को गला दबाकर मारा, आर्थिक तंगी बना कारण..

दिल्ली: शादी के कई साल बाद भी औलाद नहीं होने पर धर्मस्थलों पर जाकर जिसके लिए मन्नत मांगी थी, उसी मासूम बेटे को गला घोंट कर मार दिया. घटना राजधानी दिल्ली के विजय विहार इलाके में शुक्रवार रात की है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे पिता ने 6 साल के इकलौते बेटे की हत्या करने के बाद मकान मालिक को घटना की जानकारी दी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. जांच में पता चला कि दो साल पहले कैंसर से पत्नी की मौत और तीन महीने से बेरोजगार होने से परेशान होकर उसने यह कदम उठाया है.

पुलिस के अनुसार बच्चे की शिनाख्त पुनीत (6) के रूप में हुई है. वह अपने पिता विनोद (46) के साथ बुधविहार फेस एक के ए ब्लॉक में किराए के मकान में रहता था. पुनीत घर के पास ही सरकारी स्कूल की पहली कक्षा में पढ़ता था. विनोद मूलत: पंजाब का रहने वाला, लेकिन कई साल पहले उसका पूरा परिवार दिल्ली आ गया था. उसके रिश्तेदार शाहदरा इलाके में रहते हैं. शनिवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि विनोद ने अपने बेटे की गला घोंटकर हत्या कर दी है. सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे गए. पुलिस मकान की दूसरी मंजिल के कमरे में पहुंची, जहां बेड पर बच्चे का शव पड़ा था. विनोद वहीं खड़ा था.

पूछताछ में पता चला कि विनोद पटेल नगर स्थित डेरी प्रोडक्ट्स के डिस्ट्रीब्यूटर के यहां सेल्समैन की नौकरी करता था. उसे 11 हजार रुपये मिलते थे. तीन-चार माह पहले कंपनी बंद हो गई. इसके बाद से वह बेरोजगार था. उसने बताया कि उसकी पत्नी की वर्ष 2017 में कैंसर से मौत हो गई. पत्नी के इलाज में काफी रुपये खर्च हुए थे. उसके बाद भी वह काम पर जाने के दौरान अपने बेटे को क्रैच में छोड़ जाता था. नौकरी जाने के बाद से वह आर्थिक रूप से तंग था.

शादी के कई साल बाद हुआ था पुनीत
पुलिस ने छानबीन के दौरान आरोपी और उसके रिश्तेदारों से पूछताछ की. पता चला कि विनोद की शादी वर्ष 1997 में हुई थी. कई साल तक कोई औलाद नहीं होने की वजह से दंपति तनाव में थे. बच्चे के लिए पति-पत्नी ने वैष्णो देवी जाकर मन्नत मांगी. इतना ही नहीं स्वर्ण मंदिर सहित अन्य मंदिरों में जाकर दुआएं मांगी. छह साल पहले उनके घर किलकारी गूंजी. लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं रही.

पत्नी की तबियत बिगड़ने लगी. जांच करवाने पर पता चला कि उसे कैंसर है. इससे विनोद पूरी तरह से टूट गया. उसने पत्नी के इलाज में अपनी सारी जमापूंजी खर्च कर दी, लेकिन वह बच नहीं पाई. बेटे की हत्या के बाद उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं था. उसने बताया कि आर्थिक तंगी की वजह से वह अपने बेटे का पालन पोषण नहीं कर पा रहा था.

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