जेट एयरवेज की एक अप्रैल से उड़ाने हो सकती है बंद, सेलरी न मिलने से पायलटों ने दी धमकी ..

दिल्ली: जेट एयरवेज के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. एक तरफ जहां इंजीनियर्स ने सुबह के वक्त उड़ान में जोखिम होने की बात कही थी, वहीं शाम को पायलटों ने भी सैलरी का भुगतान न होने पर 1 अप्रैल से सभी उड़ानों को बंद करने की धमकी दे दी है. वहीं डीजीसीए ने कहा है कि कंपनी के केवल 41 विमान ही इस वक्त उड़ रहे हैं.  जेट एयरवेज के पायलटों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 31 मार्च तक समाधान प्रक्रिया पूरी नहीं हुई और वेतन भुगतान में देरी हुई तो एक अप्रैल से वह विमान उड़ाना बंद कर देंगे.

वही इस मामले पर डीजीसीए ने कहा इस समय केवल 41 विमान ही परिचालन के लिये उपलब्ध हैं जबकि एयरलाइन के पास कुल 119 विमान हैं. जेट एयरवेज की स्थिति तेजी से बदल रही है, आने वाले सप्ताहों में और उड़ाने निरस्त हो सकतीं हैं

सुरेश प्रभु ने बुलाई आपात बैठक
जेट एयरवेज संकट के समाधान के लिए नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने आपात बैठक बुलाई है. उन्होंने अपने मंत्रालय के सचिव को दिए निर्देश में कहा, जेट एयरवेज की उड़ानें रद्द होने से एडवांस बुकिंग, कैंसिलेशन, रिफंड और सुरक्षा कारणों के मुद्दे को लेकर आपात बैठक होगी. उन्होंने अपने सचिव से जेट एयरवेज मुद्दे से जुड़ी सभी जानकारियां भी तलब की हैं.

वेतन नहीं मिलने से सुरक्षा पर जोखिम
जेट एयरवेज के इंजीनियरों ने डीजीसीए को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें वेतन नहीं मिल रहा जिससे मानसिक तनाव बढ़ता जा रहा है. यह स्थिति उड़ान की सुरक्षा के लिए जोखिम है. कंपनी के एयरक्राफ्ट मेंनटेनेंस इंजीनियर्स एसोसिएशन ने डीजीसीए से तीन महीने का बकाया वेतन दिलाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील की है. कंपनी में अभी 560 इंजीनियर्स हैं, जो 100 से ज्यादा विमानों का रखरखाव देखते हैं.

केंद्र सरकार ने शुरू की बचाने की कोशिश
जेट एयरवेज के संकट का असर हवाई यात्रियों पर पड़ते देख सरकार को आखिरकार उसे बचाने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा. सरकार ने विमानन कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों से दिवालिया प्रक्रिया बंद कर उसे बचाने की प्रक्रिया शुरू करने की मंशा जताई है.

मामले से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है. पिछले सप्ताह बैंकों ने जेट एयरवेज की वित्तीय स्थिति पर समीक्षा रिपोर्ट पेश कर सरकार से सुझाव मांगा था. सरकार ने जवाब में कहा है कि बैंक कर्ज की राशि को इक्विटी में बदलकर जेट एयरवेज में हिस्सेदारी ले सकते हैं.

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