अरावली क्षेत्र में अवैध निर्माण जारी हैं, रात में ब्लास्ट कर पत्थर निकाले जा रहे हैं…

फरीदाबाद में एक तरफ जहाँ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते सोमवार को कान्त एन्क्लेव में एक दर्जन से ज्यादा इमारतों को ढहा दिया गया वही दूसरी तरफ अरावली क्षेत्र में निर्माण अब भी जारी हैं. बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एल एन पाराशर ने कहा कि फरीदाबाद-सूरजकुंड रोड के पास एक जगह पर रात्रि में ब्लास्ट कर पत्थर निकाले जा रहे हैं और एक बड़ा फ़ार्म हाउस बनाया जा रहा है. पाराशर ने बताया है कि उन्हें मौके की कई तस्वीरें मिलीं हैं जहाँ के गड्ढों को देख लगता है कि ये गड्ढे ब्लास्ट से हुए हैं और यहाँ से पत्थर निकाले गए हैं. साथ ही पराशर ने कहा कि इस फ़ार्म हाउस पर रात्रि-दिन काम चल रहा है जिसके बाहर केके उज्जवल फार्म लिखा है. यहाँ से करोड़ों के पत्थर निकाल बेंच दिए जा रहे हैं और कई एकड़ पर जमीन को समतल कर एक बड़ा फ़ार्म हॉउस बनाया जा रहा है.

इतना ही नहीं पाराशर ने कहा कि वह सभी तस्वीरें सुप्रीम कोर्ट में दिखाएंगे जहाँ अरावली को लेकर उन्होंने याचिका दायर की है. पाराशर ने आरोप लगाया है कि अवैध निर्माण का जो खेल चल रहा है वह किसी बड़े नेता या उसके किसी खास आदमी का हो सकता है. अरावली को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 1992 के बाद के निर्माण ढहाने के आदेश दिए हैं. फिर भी इलाके में धड़ल्ले से फ़ार्म हाउस बनाया जा रहा है. उन्होंने ने कहा कि शहर के कई बड़े अधिकारी भी शक के दायरे में हैं. उनका कहना है कि वह मौके पर भी गए जहाँ उन्होंने यह निर्माण देखे हैं. अरावली को सरेआम लूटा जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी की जा रही है.

उनका आरोप है कि ऐसे कामो की पीछे हरियाणा सरकार का हाथ हो सकता है. तभी सरकार ने पीएलपीए एक्ट में संसोशन करवाने का प्रयास किया था. पाराशर ने कहा कि कोर्ट में दायर याचिका पर जल्द होने वाली सुनवाई में ये सभी सबूत पेश किये जाएंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि वह आरटीआई के माध्यम से पता करेंगे कि ये फ़ार्म हाउस किसका है और जानकारी मिलने पर इसके ऊपर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का मामला दर्ज करवाएंगे.

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