चंडीगढ़: इस शैक्षणिक सत्र में प्राइवेट स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा नियमावली 134-ए के तहत जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त नहीं पढ़ाने का फैसला लिया है. मीडिया में चली खबर के मुताबिक फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष एवं नेशनल इंडिपेंडेट स्कूल एलाइंस (निसा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि 134-ए के संदर्भ में जरूरतमंद छात्रों को शिक्षा देने के लिए प्राइवेट स्कूल तो पीछे नहीं है, मगर हरियाणा सरकार की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से प्राइवेट स्कूल संचालकों में रोष है.
चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता के दौरान कुलभूषण शर्मा ने कहा कि यही कारण है कि इस साल स्कूल संचालकों ने फैसला लिया है कि कोई भी स्कूल 134ए के तहत किसी भी गरीब बच्चे को मुफ्त एडमिशन नहीं देगा. उन्होंने कहा कि निजी स्कूल संचालक गरीबों को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है.
उनके अनुसार सरकार की ओर से गरीब बच्चों को पढ़ाने की एवज में प्राइवेट स्कूलों में दी जाने वाली रिइंब्रसमेंट की अदायगी अभी तक नहीं हो पाई है. जिसका सीधा मतलब यह है कि सरकार गरीबों को शिक्षा से वंचित रखने की साजिश कर रही है और बदनाम निजी स्कूलों हो रहे हैं. कुलभूषण शर्मा के अनुसार प्रदेशभर में चलने वाले निजी स्कूल संचालकों में 134ए के तहत करीब 1 लाख बच्चे मुफ्त शिक्षा हासिल कर रहे हैं.
जिन्हें पढ़ाने का खर्च अभी तक करोड़ों रुपये बनता है. जो निजी स्कूल संचालकों को सरकार द्वारा चुकता नहीं किया जा रहा है. उन्होंने 2003 से पहले प्रदेशभर में चल रहे अस्थाई मान्यता व परमिशन प्राप्त स्कूलों को सरकार बिना शर्त मान्यता देने की भी मांग उठाई. ताकि बच्चों को शिक्षा हासिल करने में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े.