दिल्ली: आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव में समझौते को लेकर रोज नई-नई अटकलें लगती रहती हैं. अब आप ने सिर्फ दिल्ली में गठबंधन करने के कांग्रेस के प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताते हुए नामंजूर कर दिया. पार्टी सांसद संजय सिंह ने बताया कि कांग्रेस से वह किसी भी राज्य में गठबंधन नहीं करेंगे. इसका संदेश कांग्रेस को दे दिया गया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की पूरी चुनावी रणनीति भाजपा को फायदा पहुंचाने के मकसद से तैयार की गई है. पार्टी रणनीतिकारों का मानना है कि कांग्रेस समझौते के लिए अपनी शर्तें लादने की कोशिश कर रही थी. एक भी सांसद व विधायक न होने के बावजूद उसकी नजर दिल्ली की सातों सीटें पर है. जहां आप का जनाधार मजबूत है, वहां के लिए कांग्रेस ना-नुकुर कर रही है. आप के पंजाब में चार सांसद हैं और 20 विधायकों के साथ मुख्य विपक्षी दल भी है. गोवा के बीते विधानसभा चुनाव में आप को 6 फीसदी वोट मिला था. हरियाणा और चंडीगढ़ में भी आप का जनाधार मजबूत हुआ है.
खबरों के अनुसार बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित से उनके घर पर मुलाकात की. शीला ने कहा कि गठबंधन का मुद्दा काफी खिंच गया है. अब इस पर अनिश्चय खत्म होना चाहिए. वहीं कांग्रेस नेता पीसी चाको ने संजय सिंह के बयान पर कहा कि आप दिल्ली में भाजपा को अपने बूते नहीं हरा सकती. बृहस्पतिवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में दिल्ली के लिए प्रत्याशियों पर भी चर्चा होगी.
आप का आरोप, समझौते को लेकर गंभीर नहीं रही कांग्रेस
आप पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस शुरू से ही गठबंधन को लेकर संजीदा नहीं है. हाल में ही कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश प्रभारी पीसी चाको ने आप सांसद संजय सिंह से मुलाकात की थी. बैठक में आप ने कहा था कि वह सिर्फ दिल्ली में समझौता नहीं करेगी. बावजूद इसके कांग्रेस ने सिर्फ दिल्ली में गठबंधन करने का प्रस्ताव आप को भेजा.
संजय का बयान दबाव की राजनीति
अहमद पटेल का शीला से मिलना महत्वपूर्ण है. पटेल आप से गठबंधन के पक्ष में हैं तो शीला इसका विरोध कर रही हैं. जानकारों का कहना है कि संजय सिंह का गठबंधन से इनकार करना दबाव डालने की राजनीति भी हो सकती है. गठबंधन की संभावना को अभी पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता.