सोनीपत से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को उतार कर कांग्रेस ने खेला जाट कार्ड, हुड्डा का रह सकता है पलड़ा भारी..

सोनीपत: लोकसभा सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी का लेकर जिस तरह का कयास लगाया जा रहा था, वह रविवार देर शाम को साफ हो गया. कांग्रेस ने सोनीपत लोकसभा सीट पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जाट कार्ड खेल दिया है तो हुड्डा के चुनाव मैदान में उतरने से यह प्रदेश की हॉट सीट बन गई है. चुनाव के लिए नामांकन से दो दिन पहले ही कांग्रेस ने अपना यह कार्ड खेला, क्योंकि भाजपा, इनेलो व लोसुपा पहले ही अपने प्रत्याशी घोषित कर चुकी थी. अब केवल जजपा का प्रत्याशी घोषित होना बाकी रह गया है.

प्रत्याशी घोषित करने के लिए पहले से ही चल रही थी खींचतान
सोनीपत लोकसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित करने को लेकर सभी पार्टियों में शुरुआत से काफी खींचतान चल रही थी. जहां भाजपा सांसद रमेश कौशिक के टिकट कटने के कयास लगाए जा रहे थे, वहीं सबसे पहले भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित किया और रमेश कौशिक पर ही दूसरी बार दांव खेला गया. हालांकि सांसद रमेश कौशिक को पिछले पांच साल में कई गांवों में नहीं जाने के कारण विरोध भी झेलना पड़ रहा है. भाजपा ने जातीय समीकरण साधते हुए गैर जाट वोटों पर निशाना रखकर रमेश कौशिक को प्रत्याशी बनाया है. वहीं इनेलो ने जाट बिरादरी के सुरेंद्र छिक्कारा को चुनाव मैदान में उतारा है. इस तरह ही लोसुपा ने पिछड़ा वर्ग से राजबाला को मैदान में उतारा हुआ है. चुनाव नामांकन के केवल दो दिन बाकी है और कांग्रेस व जजपा के प्रत्याशी सामने नहीं आने पर हर कोई नाम को लेकर खूब कयास लगा रहा था.

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सोनीपत को हुड्डा का माना जाता है गढ़
लेकिन कांग्रेस ने रविवार की देर शाम को साफ कर दिया कि जिस पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के सोनीपत से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, वह सही है. कांग्रेस ने सोनीपत सीट पर जाट कार्ड खेलते हुए पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को चुनावी मैदान में उतार दिया. सोनीपत को पूर्व सीएम हुड्डा का गढ़ भी माना जाता है, क्योंकि छह विधानसभा सीटों में पांच पर कांग्रेस के विधायक है और वह सभी उनके गुट के विधायक है. इसका ही कांग्रेस व हुड्डा को फायदा मिल सकता है.

हुड्डा के लिए चुनौती भी कम नहीं
जिस तरह से भाजपा सांसद रमेश कौशिक गांवों में वोट मांगने पहुंच रहे है और उनसे लोग पांच साल का हिसाब मांगते हुए विरोध जता रहे है. उस तरह ही भूपेंद्र हुड्डा के लिए सोनीपत लोकसभा सीट पर चुनौती कम नहीं होगी. क्योंकि वह लगातार दो बार 2005 से 2014 तक प्रदेश के सीएम रहे है और ऐसे में लोग उनसे इन सालों के विकास कार्य का हिसाब मांग सकते है.

हुड्डा के नाम की घोषणा होते ही सक्रिय हुआ उनका गुट
कांग्रेस से अभी तक किसी का नाम चुनावी मैदान में सामने नहीं आने से अधिकतर नेता आराम से बैठे हुए थे. लेकिन जब रविवार को पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को प्रत्याशी घोषित किया गया तो उनके गुट के सभी विधायकों के अलावा अन्य नेता भी सक्रिय हो गए.

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