ओडिशा की तरफ बढ़ रहा चक्रवाती तूफान ‘फनि’ सूबे में दस्तक दे चुका है. ओडिशा के तट से फनि की टक्कर के साथ ही तेज हवाओं के साथ बारिश भी शुरू हो गई है. इससे पहले रफ्तार पकड़ चुका फनि तेजी से ओडिशा के तट की तरफ बढ़ रहा था. तटीय ओडिशा में चक्रवात फनि की वजह से बारिश और तेज हवाएं चलने के बीच राज्य सरकार ने 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा और लोगों से शुक्रवार को घरों में रहने की सलाह दी.
आपको बता दे कि अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘फोनी’ सुबह ओडिशा के पुरी तट पर पहुंचा और यह भयंकर तबाही मचा रहा है. इस तूफान के कारण कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है. करीब 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं. इसके चलते समुद्र के किनारे बसे मंदिर शहर पुरी में कई इलाके और अन्य जगहों में पानी भर गया है. राज्य के सभी तटीय इलाकों में भारी बारिश हो रही है. कई पेड़ उखड़ गए और भुवनेश्वर समेत कुछ स्थानों पर बनीं झोपड़ियां तबाह हो गई हैं.
अगर पूर्व में आए भयंकर चक्रवातों की बात करें तो इन्होंने भी भीषण तबाही मचाई थी. फोनी तूफान पिछले तीन दशकों में पूर्वी तटों से टकराने वाला चौथा सबसे खतरनाक चक्रवात है. इससे पहले ओडिशा ने कई भयानक चक्रवाती तूफानों का सामना किया. ये भयंकर चक्रवात साल 1893, 1914, 1917, 1982 और 1989 में आए थे. मौसम विज्ञानियों का कहना है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण हमें भविष्य में भी इस तरह की स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है.
अगर देखा जाए तो अभी तक आए अत्यधिक खतरनाक 35 चक्रवाती तूफानों में से 26 केवल बंगाल की खाड़ी से शुरू हुए. साल 1999 की बात करें तो इस दौरान आए महाचक्रवात ने यहां भयंकर तबाही मचाई थी. जो ओडिशा में 30 घंटे तक रहा था. इस तूफान में करीब 10 हजार लोग मारे गए थे.