तेज बहादुर की नामांकन रद्द होने की खिलाफ याचिका को किया सुप्रीम कोर्ट ने खारिज

दिल्ली: बीएसएफ के पूर्व जवान और वाराणसी से सपा-बसपा-रालोद गठबंधन के प्रत्‍याशी तेज बहादुर को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने आज तेज बहादुर की याचिका को खारिज कर दिया है. अपना नामांकन रद्द होने पर तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी.

आज इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया में दखल देने से इनकार कर दिया. मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई की अध्‍यक्षता वाली पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि हमें कोई कारण नहीं दिखाई दिया कि इस याचिका पर गौर किया जाए.

तेज बहादुर यादव ने क्या कुछ कहा था याचिका में :-
* 24 अप्रैल को भरे नामांकन में नौकरी से बर्खास्तगी के सवाल पर गलती से हां लिख दिया.
* सवाल था कि क्या आप भ्रष्टाचार या सरकार के विश्वास हनन के लिए बर्खास्त हुए. मेरी बर्खास्तगी अनुशासनहीनता के चलते हुई थी.
* 29 अप्रैल को दोबारा भरे नामांकन में इस गलती को सुधारा. नौकरी से बर्खास्तगी का पत्र नए नामांकन के साथ लगाया.
* 30 अप्रैल को शाम 6 बजे निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग से चुनाव लड़ने की योग्यता पर सर्टिफिकेट लाने को कहा.
* 1 मई को मेरा नामांकन ये कहते हुए खारिज कर दिया कि मेरी बर्खास्तगी अप्रैल 2017 में हुई थी. मैं इसके 5 साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य हूं.
* सुप्रीम कोर्ट निर्वाचन अधिकारी के आदेश पर रोक लगाए. मुझे चुनाव लड़ने की इजाज़त मिले.

निर्वाचन अधिकारी ने तेज बहादुर यादव का नामांकन पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि उसने वह प्रमाणपत्र जमा नहीं किया जिसमें यह स्पष्ट किया गया हो कि उसने भ्रष्टाचार या विश्वासघात की वजह से बर्खास्त नहीं किया गया.

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