गरीब बच्चों को दाखिला नही देने पर निजी स्कूलों की मान्यता रद करने के आदेश: हरियाणा सरकार

चंडीगढ़: हरियाणा में शिक्षा नियमावली 134 ए के तहत गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने के बाद कई तरह के संशय पर हरियाणा शिक्षा विभाग ने तस्वीर साफ कर दी है। 134-ए के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने में आनाकानी कर रहे निजी स्कूलों को हरियाणा सरकार ने एक सप्ताह की मोहलत दी है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अफसरों को तीन दिन के अंदर सभी निजी स्कूलों को राशि जारी करने की हिदायत देते हुए कहा कि इसके बावजूद अगर कोई स्कूल दाखिला नहीं देता है तो उसकी मान्यता रद कर दी जाए। शिक्षा विभाग ने भी यह स्पष्ट कर दिया है कि दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों से किसी मद में कोई फीस स्कूल द्वारा नहीं ली जाएगी।

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उल्लेखनीय है कि सूबे में बहुत से प्राइवेट स्कूल इन छात्रों को दाखिला देने में किसी न किसी तरीके से परेशान कर रहे हैं। इस वजह से अभिभावकों और प्राइवेट स्कूल संचालकों के बीच टकराव बना हुआ है। बहरहाल, शनिवार को सीएम मनोहर लाल और शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने इस मामले में हस्तक्षेप कर शिक्षा अधिकारियों को जल्द से जल्द सभी लाभार्थी छात्रों के दाखिले सुनिश्चित करने और प्राइवेट स्कूलों की फीस प्रतिपूर्ति का बकाया क्लीयर करने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ-साथ 134-ए के तहत होने वाले दाखिलों पर बने संशय को भी शिक्षा विभाग ने अब क्लीयर किया है। इसकी जानकारी मौलिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के शिक्षा, मौलिक शिक्षा एवं खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है।

दो लाख राशि का आय प्रमाण पत्र मान्य होगा
भेजे गए सर्कुलर में कहा गया है कि 134-ए के तहत दाखिला लेने के लिए विद्यार्थी के परिवार की अधिकतम आय राशि दो लाख रुपये तय की गई थी जो इस शैक्षणिक वर्ष 2019-20 के दाखिले के लिए भी मान्य होगी। सर्कुलर में बताया गया है कि राज्य सरकार के अधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया गया दो लाख राशि का आय प्रमाण पत्र इसके लिए मान्य होगा।

134-ए के अंतर्गत दाखिला लेने वाले विद्यार्थियों को अगले वर्ष किसी स्क्रीनिंग प्रक्रिया अथवा टेस्ट में शामिल नहीं होना पड़ेगा। यह दाखिला स्कूल की उच्चतम कक्षा तक के लिए मान्य होगा। साथ ही विद्यार्थी किसी भी प्रकार की अन्य फीस जैसे प्रतियोगिता फीस, डेवलपमेंट फीस, मेनटेंनेंस फीस व एनुअल फीस देने के लिए बाध्य नहीं है। विद्यार्थी केवल नेशनल कैरिकुलम फ्रेम वर्म के अनुसार परिभाषित विषयों और एनसीईआरटी द्वारा अनुमोदित पुस्तकें (सिर्फ सीबीएसई विद्यालयों के मामलों में) खरीदने के लिए जिम्मेदार है अन्य पुस्तकों की खरीद का दबाव उस पर नहीं बनाया जाएगा

जल्द प्राइवेट स्कूलों को मिलेगा फीस प्रतिपूर्ति का बकाया
हरियाणा में शिक्षा नियमावली 134ए के तहत स्कूलों में गरीब बच्चों के दाखिले को लेकर निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों के बीच चल रहे टकराव को लेकर अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा गंभीर हो गए हैं। टकराव जल्द से जल्द खत्म हो और स्कूलों में गरीब बच्चों को दाखिला मिले, इसे लेकर सीएम आवास पर शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा की मौजूदगी में शिक्षा विभाग के अफसरों, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अनिल कुमार, माध्यमिक शिक्षा महानिदेशक राकेश गुप्ता समेत विभिन्न अधिकारियों के साथ बैठक हुई।

बैठक में अफसरों को यह निर्देश दे दिया गया है कि जल्द से जल्द वे प्राइवेट स्कूलों के फीस प्रतिपूर्ति के दावों को निपटाकर बकाया अदा करें और ये सुनिश्चित करें कि 134-ए के तहत सभी लाभार्थी छात्रों को दाखिला मिल गया है।

बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 134ए के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों के फीस प्रतिपूर्ति के दावों का जल्द निपटारा करने के लिए जिलास्तर के अधिकारियों को आदेश दे दिए हैं, वहीं पहले चरण में जिन 52,226 विद्यार्थियों को स्कूल अलॉट किया जा चुका हैं, उन्हें निजी स्कूल 25 मई तक दाखिला देने की प्रक्रिया पूरी करेंगे, ताकि दूसरे चरण में शेष 26756 विद्यार्थियों के लिए स्कूल अलाट करने की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 78,982 विद्यार्थियों ने 134 ए के तहत आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण हुए थे, जिसके बाद पहले चरण में 52,226 बच्चों को योग्यता के आधार पर बनी मेरिट सूची तथा उनके द्वारा चुने गए स्कूलों की प्राथमिकता के आधार पर स्कूल आवंटित किए गए हैं। इसमें पारदर्शिता रखने के लिए आनलाइन स्कूल आवंटन प्रक्रिया को अपनाया गया, ताकि प्रत्येक योग्य विद्यार्थी को बिना किसी भेदभाव के उसकी पसंद का स्कूल मिल सके।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूर्व वर्षों के दौरान निजी स्कूलों को 134ए के तहत पढ़ रहे बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के दावों को भी जल्द निपटारे के आदेश दिए। इसके लिए सभी जिलों से प्राप्त फीस प्रतिपूर्ति के प्राप्त सत्यापित दावों की राशि तीन दिनों के भीतर अदायगी की जाएगी तथा जिन-जिन निजी स्कूलों से फीस प्रतिपूर्ति के दावे प्राप्त नहीं हुए हैं, वे अपने सत्यापित दावे 3 दिन में जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से भेजेंगे। ताकि अगले 3 दिन में उनकी भी समुचित राशि स्कूल के खाते में सीधा स्थानांतरित की जा सके।

उन्होंने अभिभावकों को आश्वस्त किया कि फीस प्रतिपूर्ति के कारण विद्यार्थियों को दाखिले से वंचित नहीं किया जाएगा, वहीं स्कूलों को भी आश्वस्त किया कि उनकी फीस प्रतिपूर्ति जल्द अदायगी की जाएगी। इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि बेवजह स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों को दाखिला न देने के संबंध में आनाकानी करने और बच्चों को अनावश्यक परेशानी होने की स्थिति में ऐसे विद्यालयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने बैठक में बताया कि स्कूल चयन के दौरान कई बार गलतियां हुई, जिसे विभाग ने गंभीरता से लेते हुए समाधान कर दिया गया।

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