उत्तर प्रदेश के बसपा के कद्दावर नेता और सादाबाद से विधायक रामवीर उपाध्याय को पार्टी से निष्काषित कर दिया गया है. रामवीर उपाध्याय पर लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियां को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है . बसपा के राष्ट्रीय महासचिव मेवालाल गौतम ने एक पत्र के जरिये उन्हें पार्टी से निष्काषित करने का आदेश जारी किया है . पत्र में कहा गया है कि रामवीर उपाध्याय ने लोकसभा चुनाव के दौरान विरोधी उम्मीदवारो का खुलकर समर्थन किया है. साथ ही बसपा-सपा गठबंधन के मौजूदा उम्मीदवारो के विरोध में प्रचार प्रसार किया है. जिसे पार्टी ने गंभीरता से लेते हुए अनुशासनहीनता मानते हुए उपाध्याय को पार्टी से निकाल दिया गया है. अब रामवीर उपाध्याय बसपा की किसी बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगे और ना ही बसपा के किसी पद पर मौजूद रहेंगे.
वही दूसरी तरफ रामवीर उपाध्याय के निष्कासन के साथ ही आगरा, अलीगढ, हाथरस, सादाबाद, ग़ाज़ियाबाद, सोनभद्र समेत कई ज़िलों के बसपा के कार्यकर्ताओ, जिला अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुखों का उपाध्याय के समर्थन में इस्तीफे देने का दौर शुरू हो चुका है. सभी एक-एक करके बसपा को अलविदा करने में लगे हुए है. सभी ने पत्र के माध्यम से कहा है कि जहां रामवीर उपाध्याय है वही सभी कार्यकर्त्ता है. आपको बता दे कि रामवीर उपाध्याय के जाने से बसपा काफी कमजोर साबित हो सकती है.
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माना जा है कि रामवीर उपाध्याय का हाथरस, अलीगढ, आगरा, फतेहपुर सीकरी, सादाबाद, ग़ाज़ियाबाद समेत कई ज़िलों में काफी अच्छी खासी पकड़ है और यही कारण है कि रामवीर उपाध्याय अभी तक विधायक का एक भी चुनाव नहीं हारे है. मोदी लहर के दौरान भी उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सादाबाद से रामवीर उपाध्याय ने बीजेपी के उम्मीदवार को काफी मतों से शिकस्त दी थी.