वॉशिंगटन: अमेरिका की तरफ से भारत को दी जाने वाली तरजीही व्यापार व्यवस्था खत्म कर दी गई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका 5 जून को भारत के लिए अपने जेनरेलाइज सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस यानी जीएसपी दर्जे को खत्म कर देगा. ट्रम्प ने इसी साल मार्च में भारत को जीएसपी कार्यक्रम से हटाने की घोषणा की थी.
डोनाल्ड ट्रम्प ने क्या कहा है?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, ‘’मैं यह कदम इसलिए उठा रहा हूं क्योंकि अमेरिका से गहन जुड़ाव के बाद भी भारत ने अमेरिका को यह आश्वासन नहीं दिया है कि वह अमेरिकी उत्पादकों को भारत के बाजार में समान और उचित पहुंच प्रदान करेगा.’’ ट्रम्प ने मार्च में तुर्की से भी यह दर्जा वापस लेने की मंशा जाहिर की थी. ट्रम्प कई बार और कई मंच से भारत और तुर्की के लिए यह बात कह चुके हैं.
5.6 अरब डॉलर के निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा- वाणिज्य सचिव
अमेरिका का यह भी कहना है कि भारत में पाबंदियों के चलते उसे व्यापारिक नुकसान हो रहा है, साथ ही भारत जीएसपी के मापदंड पूरे करने में नाकाम रहा है. हालांकि ट्रंप के इस बयान के बाद वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने कहा था, ‘’अमेरिका के इस फैसले से का 5.6 अरब डॉलर के निर्यात पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा.
बता दें कि अमेरिकी कांग्रेस के 24 सदस्यों ने प्रशासन को 3 मई को एक पत्र भेजा जिसमें आग्रह किया गया कि वह भारत से जीएसपी का दर्जा वापस ले.
अमेरिका के इस फैसले का क्या मतलब है?
गौरतलब है कि अमेरिका के जीएसपी कार्यक्रम में शामिल देशों को विशेष तरजीह दी जाती है. अमेरिका उन देशों से एक तय राशि के आयात पर शुल्क नहीं लेता. इसके तहत भारत को 5.6 अरब डॉलर (40,000 करोड़ रुपए) के एक्सपोर्ट पर छूट मिलती है. जीएसपी से बाहर होने पर भारत को यह फायदा नहीं मिलेगा. भारत जीएसपी का सबसे बड़ा लाभार्थी देश है.