अब तक का सबसे महंगा साबित हुआ लोकसभा चुनाव, 70,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान

सत्रहवीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव अब तक के सबसे महंगे चुनाव साबित हुए हैं। इन चुनावों में प्रत्याशियों और चुनाव आयोग, दोनों की ओर से कुल मिलाकर करीब 70,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।

सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (सीएमएस) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 17वीं लोकसभा के लिए हुए चुनावों में प्रत्याशियों की ओर से करीब 60,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। चुनाव आयोग ने भी इस राशि के 15-20 प्रतिशत के बराबर राशि खर्च की है। ऐसे में कुल 70,000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इस तरह प्रति लोकसभा क्षेत्र औसतन 100 करोड़ रुपये से भी अधिक राशि खर्च हुई है।

यह रिपोर्ट सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में जारी की गई। इस अवसर पर सीएमएस के अध्यक्ष एन. भास्कर राव ने कहा कि खर्च का यह स्तर हमारे डर का कारण होना चाहिए। हमें चुनाव सुधारों के कदम उठाते हुए और मजबूत लोकतंत्र की दिशा में काम करना चाहिए। इस अवसर पर पैनल डिस्कशन भी हुआ, जिसमें पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी भी उपस्थित रहे।

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