फरीदाबाद में स्लम्स में रहने वालों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए हरियाणा के उद्योग, पर्यावरण और कौशल विकास मंत्री विपुल गोयल ने विशेष कार्य योजना बनाई है. जिसके तहत होटल ताज विवांता में उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ मंत्री विपुल गोयल ने बैठक हुई. जिसमे स्लम्स में रहने वाली महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए “प्रोजेक्ट सशक्त शक्ति” पर चर्चा हुई. इस दौरान विपुल गोयल ने खादी और चरखा के माध्यम से महिलाओं एवं उनके परिवारों को आर्थिक तौर पर मज़बूत बनाने की दिशा में उठाए जाने वाले कदम से अवगत कराया.
इस मौके पर गोयल ने चरखा के माध्यम से अन स्किल्ड महिलाओं को घर बैठे रोज़गार देने पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि फरीदाबाद में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरुआत में 5000 परिवारों को चरखा देने का लक्ष्य रखा गया है. पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद 40000 से ज्यादा परिवारों को चरखा के माध्यम से रोजगार से जोड़ा जाएगा. साथ ही उनका कहना है कि खादी और चरखे के माध्यम से फरीदाबाद की महिलाओं को रोज़गार मुहैया कराने की कोशिश है. इसके लिए चयनित परिवारों को ट्रेनिग से लेकर रॉ मिटीरियल सभी कुछ भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त KVIC द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा. जो फरीदाबाद में निर्मित माल को बाजार तक पहुंचाने का भी काम करेगा.
भारत सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य के अनुसार लगभग एक चरखे की कीमत ट्रेनिंग और दूसरे खर्चों के साथ 37 हज़ार रुपए पड़ेगी. जिसके अनुसार पायलेट प्रजोक्ट के लिए 3.5 से 4 करोड़ का अनुमानित खर्च आएगा. इस मौके पर विपुल गोयल ने सभी से अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी निभाने की अपील की ताकि लोगों के जीवन स्तर को सुधारने में यह योजना मील का पत्थर साबित हो.
उन्होंने कहा कि आज खादी लोगों की पहली पसंद बन गई. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पहल की है. उन्होंने कार्यक्रम मन की बात में खादी को अपनाने की लोगों से अपील की. गोयल ने कहा है कि अगर हाल के वर्षों में खादी के कारोबार के आंकड़ें को देखे तो 2014-15 में खादी ने 811 करोड़ रुपये का कारोबार किया था. 2017- 18 में यह आंकड़ा 2,509 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. वही 2019-20 में ये आंकड़ा 5000 करोड़ के पार जाने की संभावना है. फरीदाबाद के कमजोर तबके के लोगों के लिए यह खादी वरदान साबित होगा.