राम रहीम की पैरोल के पीछे हरियाणा सरकार पर उठ रहे है सवाल, स्वास्थ्य मंत्री क्यों कर रहे है राम रहीम की तरफदारी..

दिल्लीः साध्वी यौन शोषण और छत्रपति हत्याकांड में सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृषि कार्य के लिए पैरोल मांगी है. इसको लेकर पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था और कृषि भूमि का ब्योरा जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एसपी अरुण सिंह ने एसआईटी सहित एसएचओ सदर और एचएचओ सिटी को रिपोर्ट तैयार करने की अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है. हालांकि एसआईटी ही पूरी रिपोर्ट का निष्कर्ष तैयार करके एसपी को सौंपेंगी. इस मामले पर हरियाणा के जेल मंत्री कृष्‍णलाल पंवार ने कहा है कि राम रहीम का जेल में अच्छा आचरण है.

राम रहीम के पास कृषि योग्य भूमि है भी या नहीं, जांच जारी

बता दें कि डेरे से संबंधित मामलों की जांच एसआईटी कर रही है. ऐेसे में एसआईटी ने राजस्व विभाग को डेरा सच्चा सौदा और डेरा प्रमुख की कृषि भूमि का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाने के लिए कहा है जिससे कि पता किया जा सके कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के पास कृषि योग्य भूमि है भी या नहीं. राजस्व विभाग ने भी डेरे की प्रॉपर्टी के रिकॉर्ड को खंगालना शुरू कर दिया है.

वही खबरों की माने तो डेरा या ट्रस्ट की जमीन को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की व्यक्तिगत कृषि भूमि नहीं माना जाएगा. डेरा सच्चा सौदा के पास करीब 800 एकड़ जमीन है जिसमें से करीब 250 एकड़ जमीन कृषि योग्य है. इसमें से कुछ रिसर्च सेंटर के नाम पर भी हैं और कुछ डेरा प्रमुख के नाम भी है. इसी प्रकार से पुराने डेरे के पास 25 एकड़ भूमि है, जिसमें से कृषि योग्य भूमि लगभग दस एकड़ है. इसके अतिरिक्त पंजाब, बीकानेर में भी डेरे के पास काफी भूमि है.

सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी गई

सुनारिया जेल अधीक्षक ने इस संबंध में सिरसा के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है. पत्र में बताया गया है कि कैदी गुरमीत सिंह का जेल में आचरण अच्छा है और उसने जेल में कोई अपराध भी नहीं किया है. अब जिला प्रशासन को डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की पैरोल को लेकर अपनी अनुशंसा सौंपनी है. प्रशासन को यह आकलन करना होगा कि डेरा प्रमुख की पैरोल के लिए अनुशंसा की जाए या नहीं.

डीएसपी, एसआईटी राजेश कुमार ने बताया कि राजस्व विभाग से डेरा सच्चा सौदा की कृषि योग्य भूमि का रिकॉर्ड मांगा है. अभी रिकॉर्ड हमें मिला नहीं है. इसके साथ की सुरक्षा को लेकर भी विचार किया जा रहा है. भूमि का रिकॉर्ड व अन्य जानकारियां आने के बाद रिपोर्ट तैयार की जाएगी.

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री ने भी की पैरोल की तरफदारी

उधर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी गुरमीत राम रहीम की पैरोल की तरफदारी की है. अनिल विज ने कहा कि हर कैदी को पैरोल का अधिकार है. यह पैरोल कानून के अनुसार दी जाती है यदि गुरमीत राम रहीम को पैरोल मिलती है तो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए.

राम रहीम किस मामले में दोषी हुआ है करार

गौरतलब है कि राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा 25 जुलाई 2017 को दो साध्वियों के साथ यौन शोषण का दोषी करार दिया गया था. सीबीआई कोर्ट ने 28 अगस्त को दोनों मामलों में उन्हें 10-10 साल की कैद और 15-15 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी. इसके अतिरिक्त सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचंद्र छत्रपति की हत्या मामले में भी सीबीआई कोर्ट ने डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को दोषी करार दिया था. हत्या के इस मामले में कोर्ट ने गुरमीत सिंह को आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके अतिरिक्त डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह के दो मामले कोर्ट में ट्रायल पर हैं. इनमें एक रणजीत सिंह हत्या का और दूसरा डेरा प्रेमियों के अंडकोष निकालने का है.

आपको बता दे कि हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स एक्ट 1988 के अनुसार किसी कैदी को 3 कारणों से पैरोल दी जा सकती है, परिवार में किसी की शादी, परिवार में किसी की मृत्यु या फिर अपनी या अपने पिता के नाम की जमीन पर खेती करने के अलावा किसी अन्य जरूरी वजह के लिए परोल दी जा सकती है।

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