चंडीगढ़ : सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सिंह इंसा द्वारा पैरोल के लिए लगाई गई अर्जी पर सीएम मनोहर लाल ने कहा है कि किसी भी कैदी के लिए पैरोल मांगना उसका हक है. मगर उसे पैरोल दी जा सकती है या नहीं यह एक बड़ी प्रक्रिया है। इसमें सरकार कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा जनहित में फैसला करती है और इस मुद्दे से सरकार का कोई संबंध नहीं है। यह एक प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रिया है।
डेरामुखी को पैरोल दी जानी चाहिए या नहीं, इस पर हरियाणा सरकार क्या चाहती है? इस सवाल पर सीएम मनोहर लाल ने कहा कि जब भी कोई कैदी अपनी पैरोल की अर्जी जेल अधीक्षक को देता है तो जेल अधीक्षक उस अर्जी को संबंधित जिले के डीसी को भेजता है। उसके बाद जिला उपायुक्त उस अर्जी पर संबंधित जिला पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट मांगता है।
डीसी और एसपी की रिपोर्ट को बाद में मंडल आयुक्त के पास भेजा जाता है और मंडल आयुक्त उस पर अपनी टिप्पणी देकर केस सरकार को भेजते हैं। सीएम ने कहा कि अभी तो यह मामला जिले के अधिकारियों यानी डीसी और एसपी स्तर पर ही है।
अभी सरकार के पास न तो कोई रिपोर्ट आई है और न ही सरकार अभी इस पर कुछ कह सकती है। सीएम ने कहा कि इसके अलावा यह एक कानूनी प्रक्रिया है और कानून के दायरे में ही यह फैसला होता है कि कैदी को पैरोल दी जानी है या नहीं। सरकार हमेशा वही निर्णय लेती है है जो प्रदेश हित में होता है।